पूर्वी चंपारण, बिहार की 24 वर्षीय शांति कुमारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक भावुक पत्र लिखते हुए देशभर में वृद्ध भोजन योजना लागू करने की मांग की है। शांति ने पत्र में कहा कि यह योजना बुजुर्गों के लिए एक राहत की नई किरण साबित हो सकती है, विशेषकर उन बुजुर्ग महिलाओं और पुरुषों के लिए जिनके पास कोई सहारा नहीं है और जिनके लिए दो वक्त का भोजन भी कठिन हो जाता है। उनका मानना है कि सरकार को ऐसे असहाय बुजुर्गों के लिए मुफ्त भोजन की व्यवस्था करनी चाहिए, खासकर उन बुजुर्गों के लिए जो शारीरिक रूप से अशक्त हैं और मेहनत-मजदूरी करने में असमर्थ हैं।
शांति कुमारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मातृ सेवा के भाव की प्रशंसा करते हुए लिखा कि नरेंद्र मोदी जी से यह सीख मिलती है कि चाहे व्यक्ति कितनी भी ऊँचाई पर क्यों न पहुँच जाए, उसे अपने माता-पिता की सेवा स्वयं करनी चाहिए। लेकिन बिहार के कई मजदूर अपने बूढ़े माता-पिता की सेवा करने से वंचित हैं क्योंकि उन्हें राज्य से बाहर काम करने के लिए जाना पड़ता है।
शांति कुमारी ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की भी मांग की है, जिससे राज्य से बाहर काम कर रहे मजदूरों को अपने माता-पिता की सेवा करने का अवसर मिल सके। उन्होंने प्रधानमंत्री से सवाल किया, “आखिर गरीब मां की क्या गलती है?” उन्होंने कहा कि ऐसी माताएं जिन्होंने अपने बच्चों के लिए बड़े सपने देखे थे, आज वे अपनी अंतिम अवस्था में अपने बच्चों से मिलने के लिए तरस रही हैं।
शांति कुमारी ने प्रधानमंत्री से पुनः आग्रह किया है कि वृद्ध महिलाओं और पुरुषों के लिए मुफ्त भोजन योजना को लागू किया जाए, ताकि उनकी दुआएं इन बुजुर्गों तक पहुँच सकें और उनका जीवन कुछ हद तक आसान हो सके।
यह अपील बिहार के बुजुर्गों के लिए एक नई उम्मीद की किरण हो सकती है और विशेष राज्य का दर्जा मिलने से उनकी समस्याओं का समाधान संभव हो सकता है।
ई खबर मीडिया के लिए ब्यूरो देव शर्मा की रिपोर्ट