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अजब एमपी में कुपोषण से जंग की गजब कहानी, गौमाता के भोजन के लिए 40 रुपये तो बच्चों के लिए दिए सिर्फ 8-12 रुपये

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कुपोषित बच्चों के पोषण के लिए सरकार 8-12 रुपये प्रतिदिन दे रही है जबकि गायों के भोजन के लिए 40 रुपये दिया जा रहा है। इस मामले की जानकारी सरकार ने विधानसभा में दी है।भोपालः मध्य प्रदेश में कुपोषण के खिलाफ जंग जारी है लेकिन सरकार ये जंग कुछ अनोखे ढंग से लड़ रही है। कुपोषित बच्चों के पोषण के लिए सरकार के पास हैं सिर्फ 8-12 रुपए, लेकिन गौशालाओं की गौमाता के भोजन के लिए 40 रुपये। जी हां, ये कोई आंकड़ों की गलती नहीं है, बल्कि सरकारी दस्तावेजों में दर्ज सच्चाई है। सामान्य बच्चों के पोषण के लिए सरकार 8 रुपये तो कुपोषित बच्चों के लिए सरकार 12 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से दे रही है।

कुपोषण को लेकर विधानसभा में हंगामा

मध्य प्रदेश में कुपोषण से निपटने की जंग सरकार कैसे लड़ रही है इसका जवाब जब विधानसभा में आया तो जमकर हंगामा खड़ा हो गया। दरअसल सरकार ने जवाब में बताया कि अति गंभीर कुपोषित बच्चों को प्रतिदिन 12 रुपये पूरक पोषण आहार भारत सरकार द्वारा दिया जाता है।

कांग्रेस बोली- नेता 19 हजार रुपये का बादाम-काजू खा रहे लेकिन बच्चों को दे रहे 12 रुपये

यह तब है जब मध्य प्रदेश सरकार गौशाला में गौ माता के लिए आहार के लिए विधानसभा में 40 रुपये प्रतिदिन की घोषणा कर चुकी है। कांग्रेस विधायक विक्रांत भूरिया ने कहा यहां ₹19000 के काजू बादाम खा जाते हैं और कुपोषित बच्चों के लिए दिन में मात्र ₹12 दिए जा रहे हैं।

दरअसल मध्य प्रदेश में कुपोषण एक गंभीर और लगातार बढ़ती समस्या है। श्योपुर, धार, खरगोन, बड़वानी, छिंदवाड़ा और बालाघाट जैसे आदिवासी बहुल जिलों में हालात बेहद चिंताजनक हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक कई जिलों में हर चार में से एक बच्चा गंभीर रूप से कुपोषित है।

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