Home Blog

पीएम मोदी के सशक्त नेतृत्व और सेना के शौर्य के सम्मान में उमड़ा सोनीपत

भाजपा प्रदेश प्रभारी डा. सतीश पूनिया और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पंडित मोहन लाल बड़ौली के नेतृत्व में निकली तिरंगा यात्रा में हजारों लोगों ने लगाए भारत माता के नारे

भारतीय सेना ने विश्वस्तर पर भारत के गौरव को बढ़ाया : डा. सतीश पूनिया

ऑप्रेशन सिंदूर भारत की सुरक्षा और गौरव का प्रतीक : पंडित मोहन लाल बड़ौली

चंडीगढ़ , 15 मई। ‘‘ऑप्रेशन सिंदूर’’ की सफलता और भारतीय सेनाओं के शौर्य के सम्मान में गुरुवार को सोनीपत लोकसभा में तिरंगा यात्रा निकाली गई। इस तिरंगा यात्रा में भाजपा प्रदेश प्रभारी डा. सतीश पूनिया और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पंडित मोहन लाल बड़ौली के नेतृत्व में निकाली गई तिरंगा यात्रा में उमड़े जनसैलाब ने जय हिंद, भारत माता की जय और प्रधानमंत्री मोदी जिंदाबाद के खूब नारे लगाए। यह तिरंगा यात्रा सोनीपत में सुभाष चौक से शुरू हुई जो गीता भवन चौक होते हुए अंबेडकर पार्क पहुंची। तिरंगा यात्रा में मंत्री, विधायक, भाजपा और सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं, गणमान्य लोगों समेत पूर्व सैनिकों ने भाग लिया।
तिरंगा यात्रा के दौरान भाजपा प्रदेश प्रभारी डा. सतीश पूनिया ने भारत की सेना के पराक्रम को सलाम करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सशक्त नेतृत्व और भारतीय सेना के पराक्रम ने ‘ऑप्रेशन सिंदूर’ के तहत आतंकवादियों के हौसलों को पस्त किया है और विश्वस्तर पर भारत के गौरव को बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व का यह नया भारत है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत सशक्त और मजबूत हुआ है। अब भारत किसी भी आतंकवादी हमले की निंदा नहीं करता, आतंकियों को सबक सिखाने की ताकत रखता है। आप्रेशन सिंदूर मोदी सरकार की मजबूत नीति और सेना के शौर्य का प्रतीक है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पंडित मोहन लाल बड़ौली ने कहा कि देश की सुरक्षा और गौरव के प्रतीक “ऑप्रेशन सिंदूर” की सफलता के बाद देशभर में देशभक्ति की भावना चरम पर है। तिरंगा यात्रा के दौरान हजारों देशभक्त हाथों में तिरंगा लेकर देश की एकता, अखंडता और सैनिकों के शौर्य को नमन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ यात्रा नहीं, यह हमेशा अपने वीरों के साथ खड़े रहने का संकल्प है। आज पूरा देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और देश की सेना के साथ खड़ा है।
श्री बड़ौली ने कहा कि ‘‘ऑप्रेशन सिंदूर’’ भारत की बहुत बड़ी उपलब्धि है। दुनिया ने देखा कि भारत की सेना ने पाकिस्तान के अंदर तक तगड़ी चोट मारी है। आतंकवाद के ठिकानों को ध्वस्त किया और पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों पर भी सटीक निशाना लगाया है। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना के अदम्य साहस और पराक्रम की गौरव गाथा को तिरंगा यात्राओं के माध्यम से जन-जन तक पहुंचाया जा रहा है। भारतीय सेना के शौर्य को नमन करते हुए श्री बड़ौली ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दुनिया ने भारत की ताकत को देखा है। उन्होंने कहा कि देश और प्रदेश में निकाली जा रही तिरंगा यात्राएं देशवासियों में देश भक्ति की भावना को जागृत करेगी।
तिरंगा यात्रा में कैबिनेट मंत्री अरविंद शर्मा, विधायक निखिल मदान, विधायक पवन खरखौदा, विधायक कृष्णा गहलावत, विधायक देवेंद्र कादयान, मेयर राजीव जैन, जिला प्रभारी सतीश नांदल, जिला अध्यक्ष अशोक भारद्वाज, गोहाना के जिला अध्यक्ष विजेंद्र मलिक, मीडिया प्रभारी नीरज अत्रे समेत हजारों कार्यकर्ता, सामाजिक संगठन के अलावा गणमान्य लोग शामिल हुए।

पश्चिमी परासी में दबंगों का कहर: दिलीप कुमार को लाठी-डंडों से पीटकर किया लहूलुहान, पैर तोड़ा, परिवार में दहशत का माहौल

सोनभद्र, उत्तर प्रदेश | दुद्धी तहसील के अंतर्गत पश्चिमी परासी गांव में दबंगई की हद पार हो गई। गांव निवासी दिलीप कुमार पुत्र वासुदेव वैश्य पर चार हमलावरों ने मिलकर जानलेवा हमला कर दिया। लोहे की रॉड और डंडों से लैस हमलावरों ने पहले दिलीप के सिर पर वार किया, फिर उसके पैर को इस कदर पीटा कि वह टूट गया। खून से लथपथ दिलीप को नेहरू चिकित्सालय, सिंगरौली में गंभीर हालत में भर्ती कराया गया है।

पीड़ित ने आरोप लगाया है कि यह हमला विनय कुमार पुत्र रामनरेश, राजेश कुमार पुत्र दादे राम वैसवर, शत्रुधन पुत्र झुरई और कृष्णा यादव पुत्र छून्नू यादव द्वारा एक सुनियोजित साजिश के तहत किया गया, जिससे उसे गांव से भगाया जा सके। बताया जा रहा है कि हमले की जड़ में एक पुराना मापी विवाद है।

दिलीप का परिवार इस हमले से बेहद दहशत में है। दबंगों की धमकियों के चलते वे पुलिस में शिकायत तक दर्ज नहीं करा पा रहे हैं। पीड़ित ने बताया कि एसपी सोनभद्र और अनपरा थाना को सूचना दी गई है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।

यह घटना न केवल गांव में दहशत का माहौल पैदा कर रही है, बल्कि पुलिस प्रशासन की निष्क्रियता पर भी सवाल खड़े करती है।

क्या है पूरा मामला

सिर पर वार कर तोड़ा पैर, दिलीप अस्पताल में जिंदगी से लड़ रहा – परासी गांव में दबंगों का कहर!

सोनभद्र : दुद्धी तहसील के पश्चिमी परासी गांव में दबंगों की दरिंदगी ने इंसानियत को शर्मसार कर दिया। गांव के निवासी दिलीप कुमार पर चार लोगों ने मिलकर जानलेवा हमला किया। लोहे की रॉड, लाठी और डंडों से लैस हमलावरों ने पहले दिलीप के सिर पर वार किया, फिर पैर तोड़ दिया। पीड़ित इस समय नेहरू चिकित्सालय, सिंगरौली में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहा है।

पीड़ित ने आरोप लगाया है कि हमला राजेश कुमार पुत्र दादे राम वैसवर, झुरी का बेटा शत्रुघ्न यादव और कृष्णा यादव ने मिलकर किया। हमला इतनी बेरहमी से किया गया कि पूरा परिवार दहशत में है। बताया जा रहा है कि यह हमला एक पुराने मापी विवाद को लेकर हुआ और पीड़ित को गांव से भगाने की साजिश के तहत अंजाम दिया गया।

पुलिस में शिकायत दर्ज कराने से डर रहा परिवार
घटना के बाद से दिलीप का परिवार सदमे और भय में है। लगातार मिल रही धमकियों के चलते पुलिस थाने तक जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। पीड़ित ने बताया कि घटना की जानकारी एसपी सोनभद्र और थाना अनपरा को दी गई है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।

क्या पुलिस प्रशासन जागेगा?
क्या पीड़ित को मिलेगा न्याय?
या फिर दबंगों की दहशत यूं ही कायम रहेगी?

प्रशासन पर सवाल
यह घटना न सिर्फ कानून व्यवस्था पर सवाल उठाती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि ग्रामीण इलाकों में किस तरह दबंगों की दहशत फैली हुई है। क्या प्रशासन जागेगा? क्या दिलीप को न्याय मिलेगा? या फिर दबंगों की यह दहशत यूं ही कायम रहेगी?

राष्ट्रीय खेलों में हरियाणा के धाकड़ पदक विजेताओं को सम्मानित करेगी प्रदेश की नायाब सरकार

21 मई को रोहतक में आयोजित किया जाएगा राज्य स्तरीय सम्मान समारोह

खेल राज्य मंत्री श्री गौरव गौतम जी ने बताया कि उत्तराखंड में हुए 38वें राष्ट्रीय खेलों में प्रदेश के स्वर्ण, रजत व कांस्य पदक विजेता खिलाड़ियों को सम्मानित किया जाएगा।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी जी बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करेंगे।

राष्ट्रीय खेलों में हरियाणा के खिलाड़ियों ने 153 पदक जीते, जिसमें 48 स्वर्ण, 47 रजत और 58 कांस्य पदक शामिल हैं।

रेवला खानपुर से निकलेगी भव्य शोभा यात्रा, पहलगांव हमले के शहीदों को दी जाएगी श्रद्धांजलि

नई दिल्ली, 13 मई 2025 — देश और धर्म की रक्षा के लिए समर्पित भाव से, रेवला खानपुर गाँव से एक भव्य शोभा यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। यह यात्रा न केवल पहलगांव हमले में शहीद हुए हिन्दू भाईयों को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करने का माध्यम बनेगी, बल्कि दादा नब्जू की समाधि की रक्षा और हिन्दू समाज की एकजुटता को सशक्त रूप से प्रदर्शित करने का अवसर भी प्रदान करेगी।

शोभा यात्रा की विशेषताएँ:

यह शोभा यात्रा गुरुवार, 15 मई 2025 को प्रातः 10 बजे रेवला खानपुर के रेखला गाँव से शुरू होकर नजफगढ़ हनुमान मंदिर तक निकाली जाएगी। पूरे मार्ग में जय माँ काली, जय श्री हनुमान और जय दादा नब्जू के जयकारों से वातावरण गूंजेगा। सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु, हाथों में धर्म ध्वजा लिए, एक साथ चलकर सनातन संस्कृति का गौरव बढ़ाएंगे।

भंडारे का आयोजन:

यात्रा के उपरांत, श्रद्धालुओं के लिए शिव मंदिर, प्रेम नगर बस्ती (रेवला खानपुर) में भव्य भंडारे का आयोजन किया गया है, जो दोपहर 12 बजे से सायं 4 बजे तक चलेगा। इसमें सभी श्रद्धालुओं को प्रसाद के रूप में भोजन वितरित किया जाएगा।

आयोजन का उद्देश्य:

इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य हिन्दू समाज को एक मंच पर लाना है ताकि समाज को जागरूक किया जा सके और एकजुट होकर हमारे धार्मिक स्थलों की रक्षा की जा सके। साथ ही, जम्मू-कश्मीर के पहलगांव हमले में वीरगति को प्राप्त हमारे भाईयों को याद कर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दी जाएगी।

स्थानीय संवाददाता ई खबर मीडिया की रिपोर्ट

राज्यपालों की तरफ से भेजे गए विधेयकों पर तीन महीने के भीतर निर्णय लें राष्ट्रपति, SC ने पहली बार दिया निर्देश

0

सुप्रीम कोर्ट ने पहली बार कहा कि राष्ट्रपति को राज्यपालों द्वारा भेजे गए विधेयकों पर तीन महीने के भीतर निर्णय लेना चाहिए
नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने पहली बार राष्ट्रपति को निर्देश देते हुए कहा है कि राज्यपालों द्वारा भेजे गए विधेयकों पर तीन महीने के भीतर निर्णय लेना चाहिए। शीर्ष न्यायालय का यह फैसला मंगलवार को तमिलनाडु के राज्यपाल द्वारा लंबित विधेयकों पर स्वीकृति न देने के फैसले को खारिज करते हुए आया। यह आदेश शुक्रवार को सार्वजनिक किया गया।
राष्ट्रपति के पास “पॉकेट वीटो” नहीं हैः कोर्ट

तमिलनाडु मामले में फैसला सुनाते हुए जस्टिस जेबी पारदीवाला और आर महादेवन की पीठ ने कहा कि अनुच्छेद 201 के तहत राष्ट्रपति द्वारा किए गए कार्यों का निर्वहन न्यायिक समीक्षा के लिए उत्तरदायी है। अनुच्छेद 201 के अनुसार, जब राज्यपाल द्वारा कोई विधेयक सुरक्षित रखा जाता है तो राष्ट्रपति यह घोषित करेगा कि या तो वह विधेयक पर अपनी सहमति देता है या फिर अपनी सहमति नहीं दे रहा। हालांकि, संविधान में कोई समय-सीमा प्रदान नहीं की गई है। सर्वोच्च न्यायालय ने रेखांकित किया कि राष्ट्रपति के पास “पॉकेट वीटो” नहीं है और उसे या तो सहमति देनी होती है या उसे रोकना होता है।

निर्धारित समय में किया जाना चाहिए शक्तियों का प्रयोग

कोर्ट ने कहा कि कानून की स्थिति यह है कि जहां किसी क़ानून के तहत किसी शक्ति के प्रयोग के लिए कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं की गई है, वहां भी इसे उचित समय के भीतर प्रयोग किया जाना चाहिए। अनुच्छेद 201 के तहत राष्ट्रपति द्वारा शक्तियों का प्रयोग कानून के इस सामान्य सिद्धांत से मुक्त नहीं कहा जा सकता है।

दो न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि तीन महीने की अवधि से अधिक देरी होने पर उचित कारण दर्ज किए जाने चाहिए और संबंधित राज्य को इसकी जानकारी दी जानी चाहिए। शीर्ष अदालत ने कहा, “हम यह निर्धारित करते हैं कि राष्ट्रपति को राज्यपाल द्वारा विचार के लिए आरक्षित विधेयकों पर संदर्भ प्राप्त होने की तिथि से तीन महीने की अवधि के भीतर निर्णय लेना आवश्यक है। राष्ट्रपति द्वारा स्वीकृति न देने को चुनौती दी जा सकती है।

निर्धारित समय सीमा के भीतर कार्रवाई न होने पर कोर्ट जा सकते हैं राज्य

अदालत ने कहा कि समय-सीमा के भीतर कोई कार्रवाई न होने की स्थिति में पीड़ित राज्य अदालतों का दरवाजा खटखटा सकते हैं। यदि कोई विधेयक संवैधानिक वैधता के प्रश्नों के कारण आरक्षित है तो शीर्ष अदालत ने रेखांकित किया कि कार्यपालिका को अदालतों की भूमिका नहीं निभानी चाहिए। इसने कहा कि ऐसे प्रश्नों को अनुच्छेद 143 के तहत सर्वोच्च न्यायालय को भेजा जाना चाहिए।

डीएमके सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कही ये बात

सर्वोच्च न्यायालय ने कहा, “हमें यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि किसी विधेयक में विशुद्ध रूप से कानूनी मुद्दों से निपटने के दौरान कार्यपालिका के हाथ बंधे होते हैं और केवल संवैधानिक न्यायालयों के पास ही विधेयक की संवैधानिकता के संबंध में अध्ययन करने और सिफारिशें देने का विशेषाधिकार है। शीर्ष अदालत का यह आदेश तब आया जब उसने फैसला सुनाया कि तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने डीएमके सरकार द्वारा पारित 10 विधेयकों पर स्वीकृति नहीं दिया था। न्यायालय ने राज्यपालों के लिए विधेयकों पर कार्रवाई करने की समय-सीमा निर्धारित करते हुए कहा कि निष्क्रियता न्यायिक समीक्षा का विषय हो सकती है।

ट्रंप ने लगाया टैरिफ तो एक्टिव हुआ चीन, जानें अब राष्ट्रपति शी जिनपिंग किन देशों का करने वाले हैं दौरा

0

अमेरिका की ओर से टैरिफ झटका लगने के बाद मलेशिया, वियतनाम और कंबोडिया के साथ चीन अपने संबंधों को नया आयाम दे सकता है। इसी को लेकर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग दक्षिण पूर्व एशिया के तीन देशों का दौरा करेंगे।
बीजिंग: चीन एशिया की एक बड़ी और प्रभावशाली शक्ति है और उसके पड़ोसी देशों के साथ संबंध हमेशा से राजनीतिक, आर्थिक और रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रहे हैं। इसी क्रम में अब चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करने के मकसद से अगले सप्ताह की शुरुआत में दक्षिण पूर्व एशिया के तीन देशों का दौरा करेंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीन पर 145 प्रतिशत शुल्क (टैरिफ) लगाए जाने के बाद यह शी का पहला विदेश दौरा होगा।
दक्षिण पूर्व एशिया देशों पर चीन की नजर
चीन के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को घोषणा की है कि शी 14 से 18 अप्रैल तक वियतनाम, मलेशिया और कंबोडिया की यात्रा पर जाएंगे। ये तीनों देश दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्रों के संगठन (आसियान) का हिस्सा हैं, जिसके साथ चीन का पिछले वर्ष सबसे अधिक 962.28 अरब अमेरिकी डॉलर का व्यापार हुआ था और चीन का निर्यात कुल 575 अरब अमेरिकी डॉलर का था। मलेशिया, वियतनाम और कंबोडिया के साथ चीन के संबंध समय के साथ बदलते रहे हैं। आइए इन तीनों देशों के साथ चीन के संबंधों पर एक नजर डालते हैं।

मलेशिया और चीन के संबंध
मलेशिया और चीन के संबंध आमतौर पर मजबूत और सकारात्मक रहे हैं। दोनों देशों के बीच आर्थिक और व्यापारिक संबंध विशेष रूप से गहरे हैं। चीन, मलेशिया का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। दोनों देशों के बीच कई इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट भी चल रहे हैं। चीन और मलेशिया के बीच राजनीतिक संबंध भी स्थिर हैं, लेकिन दक्षिण चीन सागर में क्षेत्रीय दावों को लेकर कभी-कभी मतभेद होते हैं। मलेशिया में बड़ी संख्या में चीनी आबादी भी है।

वियतनाम और चीन के संबंध
वियतनाम और चीन के संबंधों में इतिहास, युद्ध और सीमा विवादों का बड़ा प्रभाव रहा है। 1979 में वियतनाम और चीन के बीच युद्ध भी हुआ था। इसके बाद से दोनों देशों के बीच तनाव बना रहा है। दक्षिण चीन सागर विवाद दोनों देशों के बीच सबसे बड़ा मुद्दा है। चीन पूरे सागर पर दावा करता है, जबकि वियतनाम इसे चुनौती देता है। दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच कई बार टकराव हो चुका है। विवादों के बावजूद, वियतनाम और चीन के बीच व्यापारिक संबंध काफी मजबूत हैं। चीन, वियतनाम का सबसे बड़ा आयात स्रोत है।

कंबोडिया और चीन के संबंध
कंबोडिया और चीन के संबंध पिछले दो दशकों में बेहद घनिष्ठ हुए हैं। चीन, कंबोडिया की सरकार का एक प्रमुख राजनीतिक समर्थक रहा है। अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कंबोडिया अक्सर चीन का पक्ष लेता है। चीन, कंबोडिया में सबसे बड़ा निवेशक और दाता देश है। उसने वहां कई बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में भारी निवेश किया है। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि कंबोडिया, चीन के लिए दक्षिण पूर्व एशिया में एक ‘पार्टनर’ की भूमिका निभा रहा है, खासकर ASEAN में चीन के हितों की रक्षा करने के लिए।

जिस दिन संसद में वक्फ बिल पास होगा…’, PM मोदी को मिला बिहार के पूर्व CM का साथ

0

लोकसभा में आज मोदी सरकार वक्फ संशोधन विधेयक पेश करने जा रही है। इस बिल को लेकर सरकार के साथ खड़ी पार्टियों ने खुले आम अपने समर्थन का ऐलान करके विरोधियों को चौंका दिया है। NDA के सभी सहयोगी दलों ने एक सुर में बिल का समर्थन किया है।
पटना: NDA के सभी सहयोगी दलों ने एक सुर में वक्फ संशोधन बिल का समर्थन किया है। नीतीश कुमार की JDU, चंद्रबाबू नायडू की TDP, चिराग पासवान की LJP और जीतनराम मांझी की HUM ने खुलेआम बिल का समर्थन करके विपक्ष का प्लान फेल कर दिया है। इस बिल को पिछले साल 8 अगस्त को संसद में पेश किया गया था जहां से इसे जेपीसी में भेजा गया था। 22 अगस्त से ही जेपीसी ने अपना काम शुरू कर दिया था जिसके बाद ये रिपोर्ट पेश की गई और 27 फरवरी को संशोधित ड्राफ्ट को मंज़ूरी दे दी गई। अब आज 9 महीने बाद ये बिल दोबारा लोकसभा में पेश हो रहा है।
राजनैतिक दलों के सपनों को चकनाचूर कर देगा वक्फ बिल’
इस बीच केंद्रीय मंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने एक्स पर पोस्ट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद कहा है। मांझी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि वक्फ संशोधन बिल 2025 कई राजनैतिक दलों के सपनों को चकनाचूर कर देगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा, “जो दल अभी तक वक्फ बिल को लेकर मुसलमानों को भड़काने का काम कर रहे थे, उन्हें हमारी सरकार करारा जवाब देने जा रही है। वक्फ संशोधन बिल जिस दिन पास होगा, उस दिन देश के हर मुसलमान कहेगें कि मोदी है तो सबकुछ मुमकिन है। धन्यवाद पीएम मोदी देश का हर तबका आपके साथ है।”
विपक्ष का प्लान फेल, NDA के सहयोगी साथ
वहीं, आपको बता दें कि वक्फ संशोधन बिल पर आज लोकसभा में आर-पार होने वाला है। विपक्ष का सारा प्लान फिलहाल फेल नज़र आ रहा है क्योंकि बिल पेश होने से पहले सरकार में शामिल सहयोगी दलों ने खुलेआम इसके समर्थन का ऐलान कर दिया है। वक्फ संशोधन बिल के समर्थन में NDA और सहयोगी दलों के 293 सांसद हैं। इसके खिलाफ इंडी गठबंधन समेत दूसरे दलों के 239 ही सांसद हैं। वहीं जगन की पार्टी के चार सांसदों समेत 10 सांसद अभी सस्पेंस की स्थिति में हैं, उन्होंने पत्ते नहीं खोले हैं।

इस बिल को लेकर सरकार के साथ खड़ी पार्टियों ने खुले आम अपने समर्थन का ऐलान करके विरोधियों को चौंका दिया है।

भाजपा और एनडीए सरकार के डीएनए में है किसान कल्याण-शिवराज सिंह

0

चुनौतियों से निपटने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी तत्काल कदम उठाते हैं- शिवराज सिंह चौहान
एक जमाना था जब साहूकारों के पास जाना पड़ता था, लेकिन अब एनडीए-मोदी जी की सरकार है- शिवराज सिंह
हमने किसान क्रेडिट कार्ड की संख्या बढ़ाई, 75% से ज्यादा छोटे-सीमांत किसानों को सस्ता ऋण उपलब्ध-शिवराज
सोच-सोच में फर्क होता है, सरकार-सरकार चलाने में फर्क होता है- शिवराज सिंह
मोदी सरकार ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ती उर्वरकों की कीमतों का बोझ किसानों पर नहीं आने दिया- शिवराज
पहले की सरकारों ने प्रधानमंत्री मोदी जैसी योजनाएं कभी बनाई क्या-शिवराज सिंह
नई दिल्ली, 1 अप्रैल 2025, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि किसान कल्याण भाजपा और एनडीए सरकार के डीएनए में है। हरेक परिस्थिति में जब भी कोई चुनौती पैदा होती है तो उससे निपटने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी तत्काल कदम उठाते हैं।
आज लोक सभा में प्रश्नकाल के दौरान, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय से संबंधित प्रश्नों के उत्तर देते हुए केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हमारे देश में जोत का आकार बहुत छोटा है। एवरेज लैंड होल्डिंग एक से डेढ़ एकड़ के आसपास होती है और वैसे में किसानों को सरवाइव करना कठिन काम होता है। और, तब और, जब जलवायु परिवर्तन के संकटों से भी उसे जूझना पड़े, इसलिए इस बजट में इन्हीं संकटों से निपटने के लिए 1 लाख 37 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का प्रावधान किया गया है। श्री शिवराज सिंह ने कहा कि जब यूपीए की सरकार थी, तो केवल 21 हजार करोड़ रु. बजट हुआ करता था। उन्होंने कहा कि इन संकटों से बचाने के लिए जो कदम उठाए गए हैं, उनमें एक हमारे उच्च उपज वाले बीज जो जलवायु अनुकूल हों, इनकी 109 किस्में अभी जारी की थी और बजट में प्रावधान किया है कि हम उच्च उपज वाले 100 से अधिक बीज की किस्मों को व्यवसायिक रूप से किसानों को उपलब्ध कराएंगे, जिन पर जलवायु परिवर्तन का असर न पड़े।
केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज ने कहा कि हमने प्रधानमंत्री धनधान्य कृषि योजना इसलिए बनाई कि निम्न उत्पादकता वाले जो जिले हैं, उनमें इस तरह के प्रयत्न करेंगे कि वहां उत्पादन-उत्पादकता बढ़ाने का काम किया जा सके। शिवराज सिंह ने कहा कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) निरंतर अनुसंधान करता रहता है। उन्होंने कहा- माननीय सदस्य ने आम की फसल का जिक्र किया है, आम की भी ऐसी किस्में विकसित की जा रही है, जिस पर जलवायु परिवर्तन का कोई कसर न पड़े, इस दिशा में निरंतर प्रयास जारी रखेंगे।
श्री शिवराज सिंह ने कहा कि खेती में निवेश की आवश्यकता होती है। बीज, खाद के साथ ही बाकी व्यवस्थाओं की आवश्यकता होती है। एक जमाना था जब साहूकारों के पास जाना पड़ता था, लेकिन अब एनडीए व मोदी जी की सरकार है। हमने किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) की संख्या बढ़ाई है, मुझे खुशी है कि 75% से ज्यादा छोटे व सीमांत किसानों को केसीसी पर सस्ता ऋण उपलब्ध है, इफेक्टिवली 4% ब्याज दर पर, जहां तक संस्थागत ऋण का सवाल है, ये 2013-14 तक केवल 4 लाख करोड़ रु. मिला करता था, अब वो बढ़कर 10 लाख करोड़ रु. से ज्यादा हो गया है, ओवरऑल कृषि क्षेत्र में ऋण प्रवाह बढ़कर साढ़े 25 लाख करोड़ रु. हो गया है। पहले केसीसी पर जो ऋण सीमा केवल 3 लाख रु. थी, लेकिन अब बागवानी फसलें पैदा करना है, पशुपालन, मछलीपालन क्षेत्र में जाना है तो ज्यादा पूंजी की आवश्यकता होती है, इसलिए मोदी सरकार ने फैसला किया कि 5 लाख तक लोन किसानों को कम ब्याज दर पर मिलेगा, किसानों का कल्याण मोदी सरकार की गारंटी है।
केंद्रीय मंत्री श्री चौहान ने कहा कि हम जानते हैं उत्पादन बढ़ाने के लिए उर्वरक सबसे महत्वपूर्ण कारक है, पिछले दिनों लगातार अंतरराष्ट्रीय बाजार में उर्वरकों की कीमत बढ़ती रही है, लेकिन ये मोदी सरकार का संकल्प है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ती हुई कीमतों का बोझ किसी भी कीमत पर किसान के ऊपर नहीं आने देंगे और इसलिए इस साल भी उर्वरक सब्सिडी पर 1 लाख 77 हजार करोड़ रु. का प्रावधान किया गया है और किसानों को यूरिया की एक बोरी जिसकी कीमत 1744 रुपए 50 पैसे होती है, ये मोदी जी की सरकार है, जो 266 रु. 50 पैसे में उपलब्ध करा रही है। और, सोच-सोच में फर्क होता है, सरकार-सरकार चलाने में फर्क होता है, जब यूपीए की सरकार थी तो 2010-11 में 507 रु. की डीएपी की बोरी थी, 2011-12 में बढ़ाकर 887 रु. कर दी गई और 2012-13 में बढ़ाकर 1315 रु. 56 पैसे कर दी गई, लेकिन ये मोदी जी की गारंटी है 1350 रु. में ही यूरिया की बोरी मिलेगी, एक पैसा नहीं बढ़ने दिया जाएगा और इसलिए 1735 रु. प्रति बोरी अगर सब्सिडी दे रही है तो मोदी जी की सरकार दे रही, किसानों के हितों की गारंटी हमने ली, भाजपा के डीएनए में ही किसान कल्याण है।
श्री शिवराज सिंह ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री विजनरी लीडर हैं, इसलिए किसानों की आय बढ़ाने के अनेकों प्रयास किए जा रहे हैं। उत्पादन बढ़ाना, उत्पादन लागत घटाना, उत्पादन के ठीक दाम देना, नुकसान हो जाए तो उसकी भरपाई करना, कृषि का विविधीकरण, प्रधानमंत्री जी के प्रयत्नों से किसानों की आय निरंतर बढ़ती जा रही है, हम जो प्रयत्न कर रहे हैं, क्या पहले की सरकारें कभी 6 हजार रु. किसान सम्मान निधि देती थीं, पहले की सरकारों ने कभी किसान मानधान योजना बनाई थी क्या, पहले की सरकारों ने कभी अच्छे उपज वाले बीज दिए थे क्या। उन्होंने कहा कि हम सकारात्मक सोचते हैं, हमारा संकल्प है किसानों की आय बढ़ाना और वो बढ़ाने में हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे, हरेक कदम उठाए जा रहे हैं, उससे किसानों की आय बढ़ रही है।
श्री चौहान ने बताया कि कृषि क्षेत्र में पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट के लिए पहले ऋण की बहुत व्यवस्था नहीं थी, छोटी-छोटी प्रोसेसिंग यूनिट लगाने में भी दिक्कत थी, प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में फैसला करके एग्री इंफ्रा फंड के रूप में 1 लाख करोड़ रु. की व्यवस्था की गई, ये सब काम करने के लिए अलग-अलग किसान हों, प्राथमिक सहकारी समितियां हों, FPO’s हों, स्वयं सहायता समूह हो, इस तरह की प्रोसेसिंग के लिए ये फंड उपलब्ध है। 96 हजार करोड़ रु. निवेश के रूप में वेयरहाउसेस, कोल्ड स्टोरेज, चैम्बर बनाने, प्रोसेसिंग के लिए, यूनिट लगाने हेतु दिए जा चुके है। और जहां आवश्यकता है, वहां जो निवेशकर्ता है, जो प्रोसेसिंग करेंगे, उन्हें ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। ऋण पर सब्सिडी है, कोलैटरल भी दिया जाता है बैंक गारंटी की जरूरत नहीं है।
बिहार में सिंचाई की व्यवस्था- श्री शिवराज सिंह ने कहा कि बिहार में सिंचाई की व्यवस्था को क्रांतिकारी स्वरूप देने के लिए कोसी योजना को कैबिनेट ने मंजूरी दी है, जिसमें लाखों एकड़ में सिंचाई की जाएगी। प्रधानमंत्री जी की सोच है सूक्ष्म सिंचाई योजना, पर ड्रॉप-मोर क्रॉप। बड़ी सिंचाई योजनाओं के साथ नदी जोड़ो परियोजना पर काम किया जा रहा है, जिसमें बिहार को भी शामिल करने का सौभाग्य एनडीए सरकार को मिला है, दूसरी तरफ पर ड्रॉप-मोर क्रॉप अंतर्गत किसान जो ड्रिप व स्प्रिंकल से सिंचाई करना चाहते हैं, मतलब कम पानी में ज्यादा सिंचाई, इसके लिए ड्रिप व स्प्रिंकल की योजना है, सूक्ष्म सिंचाई योजना बनाई गई है, इसके अंतर्गत लगभग 96 लाख हेक्टेयर जमीन सिंचित की जा चुकी है। इसका फायदा यह है कि ज्यादा सिंचाई होती है और लगभग 15% ज्यादा उत्पादन होता है। बिहार के किसानों को भी इस सूक्ष्म सिंचाई योजना का लाभ दिया जा रहा है।

संशोधित प्रेस नोट : शुरू में ही कार्य उत्पादकता का आंकड़ा जोड़ा गया है।

0

कार्य उत्पादकता और अनुशासन की अमिट छाप छोड़ गया बजट सत्र
114 फीसदी रही कार्य उत्पादकता, रिकॉर्ड 86.50 फीसदी तारांकित प्रश्नों पर सदन में चर्चा
विधान सभा अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण ने पत्रकारों के साथ साझा की कार्यक्षमता
चंडीगढ़, 29 मार्च
15वीं हरियाणा विधान सभा का पहला बजट सत्र कार्य उत्पादकता और अनुशासन की अमिट छाप छोड़ते हुए संपन्न हो गया। इस सत्र के दौरान 58 घंटे 18 मिनट कार्यवाही चली, जिसकी कार्य उत्पादकता 114 फीसदी रही। 7 मार्च से शुरू हुए इस सत्र के दौरान 12 दिनों में 13 बैठकें हुईं। कुल 18 विधेयक पारित किए गए। विधान सभा अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण ने शनिवार को सेक्टर 3 स्थित हरियाणा निवास में प्रेस वार्ता कर पत्रकारों के साथ आंकड़े साझा किए।
विधान सभा अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण ने बताया कि बजट सत्र के दौरान रिकॉर्ड 86.50 फीसदी तारांकित प्रश्नों पर सदन में चर्चा हुई। 10 प्रश्नकाल में 200 प्रश्न शामिल किए गए थे, इनमें से 173 के जवाब हाउस में दिए गए। काफी समय के बाद से यह सबसे अच्छा रिकॉर्ड है। विधान सभा सचिवालय को 61 सदस्यों से 435 प्रश्न मिले थे, 335 एडमिट हुए। इनमें भाजपा के 26, कांग्रेस के 31, इनेलो के 2 तथा 2 निर्दलीय विधायकों ने प्रश्न भेजे।
इस दौरान राज्यपाल अभिभाषण पर 5 बैठकों में 11 घंटे 33 मिनट लंबी तक चर्चा हुई। इसमें 46 सदस्यों ने भाग लिया। 2 घंटे 56 मिनट मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने जवाब दिया। सीएम समेत भाजपा के 24 सदस्य 7 घंटे 2 मिनट बोले, कांग्रेस के 20 सदस्य 4 घंटे 9 मिनट, इनेलो के 2 सदस्यों ने 22 मिनट तक अपनी बात रखी।
इसी प्रकार 11 घंटे 57 मिनट बजट पर चर्चा हुई। इसमें से 8 घंटे 26 मिनट तक 46 सदस्य बोले, 3 घंटे 31 मिनट वित्त मंत्री का जवाब। इसमें भाजपा के 22 सदस्य 426 मिनट बोले, कांग्रेस के 21 सदस्य 257 मिनट तक बोले, इनेलो के 2 सदस्य 19 मिनट और निर्दलीय 2 सदस्य 15 मिनट तक बोले।
सत्र के दौरान कुल 6 बैठकों में शून्यकाल रहा, जिसकी कार्यवाही 5 घंटे 58 मिनट तक चली। इसमें 66 सदस्यों ने भाग लिया। इनमें भाजपा के 29 सदस्य को 160 मिनट मिले। कांग्रेस के 33 सदस्य 175 मिनट, इनेलो के 2 सदस्य 12 मिनट तथा निर्दलीय 2 सदस्य 11 मिनट तक इसमें भाग लिया।
उन्होंने कहा कि इस दौरान विधान सभा सचिवालय को 54 ध्यानाकर्षण सूचनाएं प्राप्त हुईं, जिनमें से 19 स्वीकृत की गई। एक गैर सरकारी प्रस्ताव पर भी विधान सभा में चर्चा हुई। अल्प अवधि चर्चा के लिए 3 प्रस्ताव प्राप्त हुए थे, तीनों ही स्वीकृत किए गए। विधान सभा अध्यक्ष ने कहा कि उन्हें गर्व है कि इस दौरान हरियाणा को अपना राज्य गीत भी मिला, जिसे सदन में सुनाया गया। सभी दलों की तरफ से सकारात्मक चर्चा के बाद इसे सदन ने स्वीकृत किया। हरियाणा राज्य गीत के गायन के तौर तरीके तय करने के लिए समिति गठित करेंगे। विस अध्यक्ष ने बताया कि इस सत्र में दर्शक दीर्घाओं में 2212 दर्शकों ने सदन की कार्यवाही देखी।
इसके साथ ही उन्होंने नए उठाए गए कदमों की जानकारी भी दी। कल्याण ने बताया कि नशा मुक्ति और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में प्रभावी काम करने के लिए जनहित में दो विषय समितियां बनाई जाएगी।
प्रथम सत्र से ही डयूटी पर तैनात सरकारी कर्मचारियों के लिए विधान सभा की तरफ से भोजन की व्यवस्था की गई। उन्होंने कहा कि विधायकों और विधान सभा स्टाफ के लिए आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रमों का सकारात्मक प्रभाव देखने का मिला है। 5 राज्य उत्तर प्रदेश, बिहार, गुजरात, हिमाचल प्रदेश तथा पंजाब की विधान सभाओं का भ्रमण कर वहां की संसदीय प्रणाली, विधायी कार्यों व नियमों को नज़दीकी से मैंने समझा, इसका फायदा भी सत्र के संचालन में तथा अन्य कार्यों में हुआ।
इसके साथ ही उन्होंने सदन में विधायकों से आग्रह किया है कि सदन की गरिमा को बनाए रखें। कई बार कुछ ऐसी टिप्पणियां हो जाती हैं, जिनसे सदन की गरिमा को ठेस पहुंचती है। अमर्यादित शब्द नहीं बोले जाने चाहिए। हम जनता के प्रतिनिधि हैं, असली मालिक जनता है, हर शब्द इतिहास में दर्ज रहेगा। सदन नियम व प्रथाओं के अनुसार चलना चाहिए।
इसके साथ ही विस अध्यक्ष ने भविष्य की योजनाओं का खाका भी पेश किया। उन्होंने कहा कि सदस्यों को सही व तुरन्त सलाह देने के लिए ‘मीडिया, रिसर्च, रेफरेन्सज व लाइब्रेरी विंग’ बनाएंगे। विधान सभा के रिकार्ड का एआई आधारित डिजिटलाइजेशन करेंगे। माननीय प्रधानमंत्री जी की सोच ‘एक राष्ट्र एक विधानमंडल’ का स्वप्न साकार करेंगे तथा संविधान के मूल्यों-सिद्वांतों को जन-जन तक पहुंचाने हेतु शहरी निकाय, पंचायती राज, कोपरेटिव सोसाइटीज, महिला सम्मेलन, यूथ-पार्लियामेंट आदि के सम्मेलन करेंगे। स्टाफ तथा विधायकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आवश्यकता अनुसार आगे भी चलते रहेंगे। हरियाणा विधान सभा, विधायक हास्टल व फ्लैटस का नवीनीकरण होगा। नए विधान भवन के निर्माण के लिए प्रयास करेंगे।

RBI ने बैंकों को सोमवार के लिए दिया ये स्पेशल ऑर्डर, सभी के लिए है अनिवार्य

0

आरबीआई ने कहा कि चेक ट्रंकेशन सिस्टम यानी सीटीएस के तहत सामान्य समाशोधन समय, जैसा कि किसी भी कार्य दिवस सोमवार पर लागू होता है, 31 मार्च, 2025 को भी लागू किया जाएगा।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को सभी बैंकों को 2024-25 के लिए सभी सरकारी लेन-देन का लेखा-जोखा रखने की सुविधा के लिए 31 मार्च को स्पेशल क्लियरिंग ऑपरेशन (विशेष समाशोधन) कार्यों में जरूरी तौर पर भाग लेने के लिए कहा। भारत 1 अप्रैल से 31 मार्च तक के वित्तीय वर्ष का पालन करता है। पीटीआई की खबर के मुताबिक, सप्ताहांत और ईद-उल-फितर के बावजूद, जो सोमवार को पड़ सकता है, देश भर में आयकर कार्यालय और सीजीएसटी कार्यालय 29 मार्च से 31 मार्च तक खुले रहेंगे।
लेखा-जोखा उसी वित्तीय वर्ष के भीतर होना चाहिए
खबर के मुताबिक, इससे पहले, आरबीआई ने कहा था कि 2024-25 के लिए एजेंसी बैंकों द्वारा किए गए सभी सरकारी लेन-देन का लेखा-जोखा उसी वित्तीय वर्ष के भीतर होना चाहिए। इसने सभी एजेंसी बैंकों से कहा था कि वे सरकारी प्राप्तियों और भुगतानों से संबंधित सभी शाखाओं को 31 मार्च, 2025 को सामान्य कार्य घंटों तक सरकारी लेनदेन से संबंधित ओवर-द-काउंटर लेनदेन के लिए खुला रखें। शुक्रवार को एक सर्कुलर में, भारतीय रिजर्व बैंक ने यह भी कहा कि चेक ट्रंकेशन सिस्टम यानी सीटीएस के तहत सामान्य समाशोधन समय, जैसा कि किसी भी कार्य दिवस सोमवार पर लागू होता है, 31 मार्च, 2025 को भी लागू किया जाएगा।

प्रस्तुति और वापसी सत्र का समय
सर्कुलर में कहा गया है कि साथ ही चालू वित्त वर्ष (2024-25) के लिए 31 मार्च, 2025 तक सभी सरकारी लेनदेन का लेखा-जोखा रखने की सुविधा के लिए, 31 मार्च को विशेष रूप से सरकारी चेक के लिए सीटीएस के तहत विशेष समाशोधन करने का फैसला लिया गया है। इसके अलावा, सभी बैंकों के लिए 31 मार्च, 2025 को विशेष समाशोधन परिचालन में भाग लेना जरूरी है। सीटीएस के तहत विशेष समाशोधन परिचालन के तहत, प्रस्तुति का समय 17:00 बजे से 17:30 बजे तक और वापसी सत्र 19:00 बजे से 19:30 बजे तक होगा।

सीटीएस के सभी सदस्य बैंकों को विशेष समाशोधन घंटों के दौरान अपने आवक समाशोधन प्रसंस्करण बुनियादी ढांचे को खुला रखने और विशेष समाशोधन से उत्पन्न निपटान दायित्वों को पूरा करने के लिए अपने समाशोधन निपटान खाते में पर्याप्त शेष राशि बनाए रखने के लिए कहा गया है।