Home Blog Page 10

MP में BJP अध्यक्ष पद के लिए चल सकती है नया दांव, रेस में शामिल हुए यह नाम

0

मध्य प्रदेश में बीजेपी के जिलाध्यक्षों के चयन की प्रक्रिया पूरी मानी जा रही है, ऐसे में अब प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए एक बार फिर चर्चाएं शुरू होती दिख रही है. बीजेपी ने प्रदेश अध्यक्ष पद के चयन के लिए केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को प्रभारी बनाया है, जो मध्य प्रदेश से राज्यसभा सांसद भी रह चुके हैं, ऐसे में राजनीतिक जानकारों का मानना है कि प्रधान राज्य की सियासी नब्ज को पहचानते हैं, जिससे अध्यक्ष पद को लेकर सियासी गहमागहमी और तेज हो गई है. वहीं इस बार मध्य प्रदेश के बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष पद को लेकर एक और सियासी चर्चा चल रही है,
मध्य प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेजी से चल रही है कि बीजेपी इस बार राज्य में किसी महिला नेत्री को भी प्रदेश अध्यक्ष बना सकती है, क्योंकि लंबे समय से प्रदेश में महिला नेतृत्व की मांग भी चलती रही है. हालांकि अब तक इसको लेकर स्पष्ट जानकारी नहीं आई है, लेकिन बताया जा रहा है कि 15 जनवरी तक प्रदेश अध्यक्ष पद के नाम का ऐलान हो सकता है. क्योंकि जिलाध्यक्षों के चयन की प्रक्रिया भी लगभग पूरी होने वाली है. राजनीतिक जानकार भी मानकर चल रहे हैं कि बीजेपी अपने चौंकाने वाले फैसलों के लिए जानी जाती है, ऐसे में अध्यक्ष पद पर भी ऐसा हो सकता है.
ये महिला नेत्री दावेदार

दरअसल, मध्य प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में जब से महिला प्रदेश अध्यक्ष पद की चर्चा शुरू हुई है, तब से कुछ दावेदारों के नाम भी सामने आए हैं, जिनमें बुरहानपुर से विधायक और पूर्व मंत्री अर्चना चिटनिस, सीधी से विधायक रीति पाठक, प्रदेश उपाध्यक्ष सीमा सिंह जादौन और शहडोल से सांसद हिमाद्री सिंह का नाम सामने आया है. क्योंकि यह महिला नेत्रियां बीजेपी के जातिगत समीकरणों में भी फिट बैठती हैं. दरअसल, बीजेपी के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ब्राह्मण वर्ग से आते हैं, वह खुद भी इस पद के दूसरी बार दावेदार हैं, लेकिन अगर पार्टी उनकी जगह किसी महिला नेत्री पर दांव लगाती है तो अर्चना चिटनिस और रीति पाठक का नाम सामने आ सकता है, क्योंकि चिटनिस सीनियर नेता हैं जबकि उन्हें इस बार मंत्रिमंडल में भी जगह नहीं मिली थी, इसी तरह रीति पाठक दो बार सीधी से सांसद रह चुकी हैं, जबकि इस बार पार्टी ने उन्हें विधायक का चुनाव लड़ाया था, चुनाव जीतने के बाद उनके भी मंत्रिमंडल में शामिल होने की चर्चा थी, लेकिन अब उनका नाम अध्यक्ष की रेस में आया है.
वहीं महिला दावेदारों में वर्तमान प्रदेश उपाध्यक्ष सीमा सिंह जादौन का नाम भी शामिल है, जो संगठन में सक्रिए मानी जाती हैं, जबकि अगर एसटी कोटे से महिला अध्यक्ष की बात सामने आती है तो शहडोल से सांसद हिमाद्री सिंह के नाम की चर्चा भी चल रही है. क्योंकि हिमाद्री फिलहाल सभी दावेदारों में सबसे कम उम्र की नेत्री हैं. उनके नाम की चर्चा भी गाहे बगाहे चलती रही हैं. ऐसे में इस बार भी अध्यक्ष की रेस में उनका नाम चल रहा है.

जातिगत समीकरणों को साधना चाहेगी बीजेपी

बताया जा रहा है कि मध्य प्रदेश में अध्यक्ष पद के चयन में बीजेपी जातिगत समीकरणों को भी साधना चाहेगी. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि ओबीसी वर्ग से आने वाले डॉ. मोहन यादव सीएम हैं. वहीं दो डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ब्राह्मण वर्ग से आते हैं जबकि दूसरे डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा अनुसूचित जाति वर्ग का नेतृत्व करते हैं, ऐसे में माना जा रहा है कि बीजेपी का अगला प्रदेश अध्यक्ष सामान्य वर्ग से ही हो सकता है, ऐसे में चर्चा यह भी है कि बीजेपी किसी महिला नेत्री को आगे करके एक तीर से दो निशाने साध सकती है. फिलहाल इस रेस में नरोत्तम मिश्रा, रामेश्वर शर्मा, अरविंद भदौरिया, अर्चना चिटनिस, बृजेंद्र प्रताप सिंह, फग्गन सिंह कुलस्ते, सुमेर सिंह सोलंकी का नाम आगे चल रहा है.

बीजेपी ने मध्य प्रदेश में प्रदेश अध्यक्ष पद के चयन के लिए केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को पर्यवेक्षक बनाया है, जो 10 जनवरी के बाद मध्य प्रदेश के दौरे पर आ सकते हैं. उनके दौरे के बाद ही रायशुमारी का दौर शुरू हो सकता है. जिससे माना जा रहा है कि 15 जनवरी तक नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति हो सकती है.

भोपाल गैस कांड वाले जहरीले कचरे पर अगली सुनवाई 18 फरवरी को, इंदौर से जबलपुर ट्रांसफर की थी याचिका

0

मध्य प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट में यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे मामले में हलफनामा पेश किया और कंटेनर्स में भरे कचरे को अनलोड करने परमिशन मांगी
यूनियन कार्बाइड के ज़हरीले कचरे के विनिष्टीकरण का मामला मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में है. इसपर सोमवार को सुनवाई होना थी. HC चीफ जस्टिस की बेंच में सुनवाई पूरी कर अगली तारीख दी है. HC ने 6 सप्ताह बाद मामले की अगली सुनवाई की तारीख दी. सुनवाई के दौरान सरकार ने हलफनामा पेश किया. इस दौरान गलत पब्लिसिटी और फेक मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर पीथमपुर में हंगामा हुआ, इसकी जानकारी दी. इसके बाद मोहन यादव की सरकार ने HC से कचरे के विनिष्टीकरण के लिए और समय की मांग की. साथ ही कंटेनर्स में भरे कचरे को अनलोड करने अनुमति भी मांगी गई.
मध्य प्रदेश सरकार की तरफ से रखी दलील में कहा गया कि इस तरह कंटेनर में जहरीला कचरा ज्यादा दिन नहीं रखा जा सकता है. इसपर HC ने सरकार को सावधानीपूर्वक और पूर्व निर्देशों के तहत कंटेनर से कचरे को अनलोड करने निर्देश दे दिए. सुनवाई के दौरान याचिका कर्ताओं में से एक नमन नागरथ की मांग थी कि मामले में गठित हाई लेवल कमिटी को पहले जांच रिपोर्ट पेश करने दी जाए. ये भोपाल गैस कांड का 11 मिलियन मीट्रिक टन जहरीला कचरा है. अभी सिर्फ 337 टन कचरा ही पीथमपुर गया है. पूरी सुनवाई के बाद कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 18 फरवरी दी.
यूनियन कार्बाइड का जहरीला कचरा पीथमपुर में जलाने को लेकर मामला बढ़ चुका है. पीथमपुर में 3 दिन से हिंसक प्रदर्शन चल रहा है और इसपर इंदौर हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई है, जो बाद में जबलपुर हाईकोर्ट में भेज दी गई. इसपर अब 18 फरवरी को सुनवाई होगी. याचिका इंदौर की एमजीएम एलुमनाई एसोसिएशन ने इंदौर खंडपीठ में दायर की थी. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अभिनव धनओटकर ने मीडिया को कहा सरकार ने इंदौर और पीथमपुर की जनता को भरोसे में लिए बिना एकतरफा फैसला लिया. इंदौर से पीथमपुर की दूरी सिर्फ 30 किलोमीटर है. ऐसे में अगर 358 मीट्रिक टन जहरीला कचरा यहां रखा जाता है तो दोनों शहरों की जनता के लिए रिस्क होगी.

उज्जैन के 3 गांवों का बदला नाम, CM मोहन यादव ने किया ऐलान, अब इस नाम से जाना जाएगा ‘मौलाना

0

उज्जैन जिले में ‘सीएम राइज स्कूल’ भवन का लोकार्पण करने के बाद एक समारोह को संबोधित करते हुए मोहन यादव ने कहा कि गांवों और कस्बों का नाम जनभावनाओं को ध्यान में रखकर रखा जाएगा.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव (Mohan Yadav) ने उज्जैन जिले के तीन गांवों के नाम बदलने की रविवार को घोषणा की. मोहन यादव ने कहा कि गजनीखेड़ी पंचायत का नाम अब चामुंडा माता गांव होगा. इसी तरह, जहांगीरपुर अब जगदीशपुर और मौलाना गांव अब विक्रम नगर के नाम से जाना जाएगा.

मोहन यादव ने कहा कि मौलाना बोलने और लिखने में ठीक नहीं लगता है, इसलिए अब मौलाना विक्रम नगर के नाम से जाना जाएगा. एक समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, “गांवों और कस्बों का नाम जनभावनाओं को ध्यान में रखकर रखा जाएगा.”

सीएम ने उज्जैन जिले के बड़नगर में ‘सीएम राइज स्कूल’ भवन का लोकार्पण के साथ उप स्वास्थ्य केंद्रों का लोकार्पण किया. इसके अलावा 3500 करोड़ की लागत से बड़नगर में औद्योगिक इकाई और फूड प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने की घोषणा भी की. सीएम ने कार्यक्रम कहा कि मध्य प्रदेश में लगातार निवेशकों के प्रस्ताव आ रहे हैं. अभी तक 4 लाख करोड़ से ज्यादा के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं, जिससे 3 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलने वाला है.

अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखा जाएगा इस स्कूल का नाम
उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी ‘सीएम राइज स्कूल’ के पूर्व छात्र थे. इसलिए स्कूल का नाम वाजपेयी के नाम पर रखा जाएगा. केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए. जोशी ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार ने ‘सीएम राइज स्कूल’ की अवधारणा पर काम करके शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरीन काम किया है. उन्होंने कहा कि शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार के लिए ऐसा निवेश किसी अन्य राज्य में नहीं देखा गया है.

40 करोड़ रुपये की लागत से हो रहा तैयार
बड़नगर में ‘सीएम राइज स्कूल’ का निर्माण 40 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है. जोशी ने कहा कि भारत जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा. बता दें सीएम मोहन यादव रविवार को उज्जैन के विक्रम विश्वविद्यालय भी पहुंचे. वह यहां राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत व्यावसायिक पाठ्यक्रम ‘डेयरी टेक्नोलॉजी’ के संदर्भ में आयोजित संगोष्ठी में शामिल हुए.

IND vs AUS: बढ़ती उम्र के साथ और भी खतरनाक होता जा रहा ये गेंदबाज, टेस्ट क्रिकेट में बना डाला खास रिकॉर्ड

0

ऑस्ट्रेलिया के एक स्टार गेंदबाज ने टेस्ट क्रिकेट में अपने 50 विकेट पूरे कर लिए हैं। इस खिलाड़ी ने 35 साल की उम्र में इस मुकाम को हासिल किया।
टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज का 5वां मैच ऑस्ट्रेलिया में खेल रही है। इस मुकाबले में टीम इंडिया की कप्तानी जसप्रीत बुमराह के हाथों में है। बुमराह ने इस मैच में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला लिया। उनके इस फैसले के बाद टीम इंडिया की शुरुआत अच्छी नहीं रही। भारतीय बल्लेबाज सिडनी टेस्ट में काफी मुश्किल स्थिति में नजर आए। इसके पीछे ऑस्ट्रेलिया के स्टार गेंदबाज स्कॉट बोलैंड का सबसे अहम योगदान रहा। बोलैंड ने इस मुकाबले में काफी शानदार गेंदबाजी की और ऑस्ट्रेलिया के लिए अब तक सबसे सफल खिलाड़ी रहे। उन्होंने इसी बीच एक बड़ा कारनामा भी किया है।
बोलैंड का कमाल
स्कॉट बोलैंड ने भारत के खिलाफ जैसे ही चार विकेट झटके उन्होंने अपने टेस्ट करियर में कुल 50 विकेट पूरे कर लिए। वह पिछले 50 सालों में 50 टेस्ट विकेट पूरे करने वाले सबसे ज्यादा उम्र के तेज खिलाड़ी हैं। बोलैंड इस वक्त 35 साल के हैं। उन्होंने अपने डेब्यू के बाद से ही काफी कमाल का प्रदर्शन करते आए हैं। बोलैंड का 50वां टेस्ट शिकार नीतीश कुमार रेड्डी बने। उन्होंने रेड्डी को 0 पर आउट किया। इसके अलावा उन्होंने इस मुकाबले में यशस्वी जायसवाल, विराट कोहली और ऋषभ पंत को आउट किया है।

सबसे ज्यादा बार बोलैंड का शिकार हुए ये बल्लेबाज
विराट कोहली – 4 बार
जो रूट – 4 बार
शुभमन गिल – 3 बार
जैक क्रॉली – 3 बार
जॉनी बेयरस्टो – 3 बार
बढ़ती उम्र के साथ होते जा रहे खतरनाक
बोलैंड अपनी बढ़ती उम्र के साथ और भी खतरनाक गेंदबाज बनते जा रहे हैं। उन्होंने मौजूदा बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में 15 विकेट पूरे कर लिए हैं। इसके अलावा बोलैंड विराट कोहली के लिए एक बड़ा खतरा बन गए हैं। उन्होंने अपने इस छोटे से करियर को दौरान विराट कोहली और जो रूट जैसे बड़े बल्लेबाजों को 4 बार अपना शिकार बनाया है। ऐसे में उन्हें हल्के में लेना किसी भी टीम के लिए एक बड़ा खतरा होगा।

चूल्हे पर चढ़ी बजट की कड़ाही, कितना मीठा होगा नया इनकम टैक्स रिजीम?

0

2025 का आम बजट आने वाला है. हर कोई इस बात को लेकर उत्सुक है कि वित्त मंत्री इसमें क्या खास बदलाव लाने वाली हैं. आम आदमी की जिंदगी को आसान बनाने से लेकर इंडस्ट्री की समस्याओं का हल ढूंढने तक, इस बार के बजट से कई उम्मीदें जुड़ी हैं. जहां तक पर्सनल टैक्स की बात है, माना जा रहा है कि सरकार नए इनकम टैक्स रिजीम को बढ़ावा देने के लिए कुछ बड़ा कदम उठा सकती है. हालांकि हर बार की तरह इसकी उम्मीद है और लोगों की मांग है. परंतु हम उम्मीद करते हैं कि सरकार इस बार हर बार की तरह नहीं करेगी और कुछ एक्स्ट्रा पैसा लोगों की जेब में छोड़ेगी.

1 फरवरी अब ज्यादा दूर नहीं है, जब पता चल जाएगा कि सरकार बजट के पिटारे से क्या निकालेगी. इसी बीच चर्चाएं जोर पकड़ रही हैं कि सरकार नए आयकर सिस्टम (New Tax Regime) को अपनाने के लिए टैक्सपेयर को प्रोत्साहित करने वाले उपायों की घोषणा कर सकती है. जुलाई (2024) के बजट में उठाए गए कदमों के बाद इस बार के बजट से उम्मीद है कि सरकार और बड़े प्रोत्साहन देगी, जिससे करदाताओं का रुझान इस नई प्रणाली की ओर बढ़े.
नया इनकम टैक्स रिजीम कम छूटों (exemptions) के साथ सीधी और सरल व्यवस्था है, लेकिन इसे अपनाने के लिए अब तक लोगों में ज्यादा उत्साह नहीं दिखा है. सरकार के इस कदम का उद्देश्य न केवल कर प्रणाली को सरल बनाना है, बल्कि अर्थव्यवस्था को स्थिरता और गति प्रदान करना भी है.
कंज्पशन बढ़ाने के लिए वित्तीय उपाय
प्रधानमंत्री कार्यालय और प्रमुख अर्थशास्त्रियों के बीच हुई बैठकों में इस बात पर जोर दिया गया है कि उपभोग (Consumption) को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय उपाय जरूरी हैं. ऐसा करने पर इकॉनमी का पहिया तेजी से घूमेगा. हालांकि, यह कदम सरकार के राजकोषीय घाटे (Fiscal Deficit) के टारगेट को चुनौती दे सकता है.
उद्योग जगत को उम्मीद है कि इस बार के बजट में वस्तु एवं सेवा कर (GST) प्रणाली को सरल बनाने और कंप्लायंस से जुड़ी परेशानियों को कम करने के उपायों पर जोर दिया जाएगा. छोटे और मझोले उद्योगों (MSMEs) और कृषि क्षेत्र को सहायता देने के लिए लोन की नई योजनाओं पर विचार किया जा रहा है, जिससे इन क्षेत्रों को बढ़ावा मिले.

बिजनेस कानूनों में सुधार की मांग
इसके साथ ही, ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस (Ease of Doing Business) को बढ़ावा देने के लिए कई कानूनी सुधारों की मांग की जा रही है. इसमें कुछ कानूनों का अपराधमुक्त (Decriminalisation) करना भी शामिल है, जिससे बिजनेसों पर कानूनी बोझ कम हो सके और एक पॉजिटिव माहौल बने.
अंतरराष्ट्रीय आर्थिक अनिश्चितताओं और भू-राजनीतिक तनावों के बीच इस बजट को तैयार किया जा रहा है. घरेलू स्तर पर बिजनेसों के सामने मौजूद नियामकीय बोझ (Regulatory Burdens) और श्रम बाजार में सुधार की जरूरतें भी सरकार के सामने बड़ी चुनौतियां हैं. बिजनेस जगत का मानना है कि यदि श्रम सुधारों और मौजूदा कानूनों के बेहतर कार्यान्वयन पर ध्यान दिया जाए, तो यह न केवल निवेश को बढ़ावा देगा, बल्कि रोजगार भी बढ़ेंगे.

भोपाल में वैज्ञानिकों का जमावड़ा आज से, 31वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का शुभारंभ करेंगे CM मोहन

0

मध्य प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, भोपाल व राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद्, भारत सरकार द्वारा संयुक्त रूप से स्कूली छात्रों हेतु 31वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का आयोजन दिनांक 03 से 06 जनवरी, 2025 को रविन्द्र भवन, भोपाल में किया जा रहा है.
मध्य प्रदेश के मुखिया डॉ मोहन यादव (CM Mohan Yadav) भोपाल में 31वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस (31st National Children’s Science Congress 2025) का शुभारंभ करेंगे. 31वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का 4 दिवसीय आयोजन 3 से 6 जनवरी तक होगा. भारत के विभिन्न राज्यों के 700 से अधिक बाल वैज्ञानिक, शिक्षक और मेंटर्स इस आयोजन में भाग लेंगे. साथ ही बहरीन, संयुक्त अरब अमीरात (UAE), कुवैत, ओमान और सऊदी अरब जैसे ग़ल्फ़ देशों के बाल वैज्ञानिक भी अपनी प्रस्तुतियों के साथ शामिल होंगे. इसके साथ ही देश के प्रमुख वैज्ञानिक जैसे डॉ. चेतन सोलंकी (IIT मुंबई), डॉ. नंद कुमार (AIIMS दिल्ली), और डॉ. चैतन्य पूरी (IISER पुणे) छात्रों के साथ संवाद करेंगे. उद्घाटन कार्यक्रम में भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव प्रो. अभय कारंदिकर, मध्य प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव अनुराग जैन, आईआईटी इंदौर के निदेशक डॉ सुहास जोशी सम्मिलित होंगे.
राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस क्या है?
राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस (NCSC) एक राष्ट्रीय विज्ञान संचार कार्यक्रम है जिसकी शुरुआत 1993 में हुई थी. यह भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के तहत संचालित एक मंच है, जो 10-17 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने, रचनात्मकता और नवाचार प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करता है.
इस बार की थीम ये है…
इस वर्ष राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का मुख्य विषय “स्वास्थ्य और कल्याण के लिए पारिस्थितिकी तंत्र को समझना” है. यह कार्यक्रम बच्चों में वैज्ञानिक सोच को विकसित करने और उन्हें समाज की समस्याओं के समाधान में नवाचार का उपयोग करने के लिए प्रेरित करेगा.
वराह मिहिर खगोलीय वेधशाला के ऑटोमेशन का शुभारंभ भी होगा
मुख्यमंत्री डॉ. यादव वराह मिहिर खगोलीय वेधशाला के ऑटोमेशन का उद्घाटन भी करेंगे. इस पहल से आम नागरिक घर बैठे खगोलीय अध्ययन कर सकेंगे, जो मध्यप्रदेश को खगोल विज्ञान के क्षेत्र में नई पहचान दिलाएगा. इसमें दो बच्चों का एक समूह मार्गदर्शक शिक्षक के साथ किसी स्थानीय समस्या का चयन करता है और वैज्ञानिक प्रक्रिया के माध्यम से उसका समाधान प्रस्तुत करता है. यह प्रक्रिया गहन अवलोकन, प्रश्न उठाने, मॉडल बनाने और प्रयोग के माध्यम से समाधान खोजने पर आधारित होती है. बाल विज्ञान कांग्रेस बच्चों में जिज्ञासा और खोज की भावना को प्रोत्साहित करती है, साथ ही उन्हें वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सोचने और समाज के विकास में योगदान देने के लिए प्रेरित करती है.

BJP ने दी शिवराज सिंह चौहान को बड़ी जिम्मेदारी, कई केंद्रीय मंत्रियों का नाम शामिल, यहां देखें पूरी लिस्ट

0

भोपालः भारतीय जनता पार्टी ने संगठन चुनाव के लिए चुनाव अधिकारियों की नियुक्ति की है, जिसमें केंद्रीय मंत्री से लेकर संगठन के मंत्रियों को जिम्मेदारी दी गई है. प्रदेश अध्यक्षों एवं राष्ट्रीय परिषद सदस्यों के चुनाव के लिए यह नियुक्ति की गई है. मध्य प्रदेश में होने वाले संगठन के चुनाव के लिए केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को चुनाव अधिकारी नियुक्त किया गया है. भाजपा के राष्ट्रीय चुनाव अधिकारी और सांसद डॉ. के लक्ष्मण ने लिस्ट जारी की है. 29 राज्य एवं केन्द्र शासित प्रदेश के लिए चुनाव अधिकारी नियुक्त किए गए हैं.

वहीं केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान को कर्नाटक की ज़िम्मेदारी दी गई है. जबकि विनोद तावड़े को छत्तीसगढ़ का चुनाव अधिकारी नियुक्त किया गया है. इसके अलावा बिहार के केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर, भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री और विधायक सरदार नरिंदर सिंह रैना, हरियाणा के लिए राष्ट्रीय महामंत्री अरुण सिंह, केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह को हिमाचल प्रदेश और वहीं उत्तर प्रदेश के लिए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को जिम्मेदारी दी गई है.

अजमेर दरगाह में मंदिर विवाद के बीच PM मोदी ने भेजी चादर, नहीं तोड़ी परंपरा; हाजी सलमान चिश्ती ने किया स्वागत

0

प्रधानमंत्री मोदी हर साल खास मौके पर अजमेर शरीफ दरगाह के लिए चादर भिजवाते हैं। इस साल 11वीं बार पीएम मोदी की चादर चढ़ाई जाएगी। पीएम की ओर से ये चादर केंद्रीय अल्पसंख्यक मामला मंत्री किरण रिजिजू को सौंपी गई है।
अजमेर की गरीब नवाज हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में 813वां उर्स शुरू हो गया है। इस खास मौके पर 4 जनवरी को प्रधानमंत्री मोदी की चादर अजमेर शरीफ दरगाह में मजार पर चढ़ाई जाएगी। बता दें कि पीएम मोदी ने 11वीं बार अजमेर शरीफ की दरगाह पर चादर भेजी है। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री तथा संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू 4 जनवरी को अजमेर आएंगे जहां वे ख्वाजा गरीब नवाज के उर्स के मौके पर पीएम मोदी की चादर पेश करेंगे।
मंत्री की यात्रा का आधिकारिक कार्यक्रम जारी
मंत्री किरेन रिजिजू की यात्रा का आधिकारिक कार्यक्रम जारी किया गया है। किरेन रिजिजू चादर लेकर शुक्रवार सुबह 9.30 बजे हजरत निजामुद्दीन दरगाह जाएंगे। इस दौरान बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के कार्यकर्ता भी उनके साथ होंगे। निजामुद्दीन दरगाह के बाद चादर लेकर महरौली की दरगाह होते हुए काफिला जयपुर के लिए रवाना होगा। कल अल्पसंख्यक कार्य मंत्री सिर्फ हजरत निजामुद्दीन दरगाह के कार्यक्रम में शामिल होंगे। इसके बाद शनिवार को वह अजमेर में पीएम की चादर मजार पर चढ़ाएंगे।

ये 140 करोड़ देशवासियों को तोहफा- हाजी सलमान चिश्ती
इस मौके पर अजमेर दरगाह के खादिम और चिश्ती फाउंडेशन के चेयरमैन हाजी सलमान चिश्ती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से भेजी चादर का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की तरफ से जो चादर भेजी गई है, वो देश के 140 करोड़ देशवासियों को एक तोहफा है, मोहब्बत का… अमन का… एकता का।
अजमेर की दरगाह में संकट मोचन महादेव मंदिर होने का दावा
बता दें कि पीएम मोदी की दी गई चादर को अजमेर शरीफ दरगाह की मजार पर ऐसे समय में चढ़ाई जाएगी, जब पिछले दिनों हिंदू राष्ट्र सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने अजमेर की दरगाह में संकट मोचन महादेव मंदिर होने का दावा करते हुए कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। याचिका पर अगली सुनवाई 24 जनवरी को होगी।

अरविंद केजरीवाल, सत्येंद्र जैन ने दिया था 23 मंदिर तोड़ने का आदेश’, LG ऑफिस ने किया भंडाफोड़

0

दिल्ली की सीएम आतिशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उपराज्यपाल और बीजेपी पर मंदिर तोड़ने की साजिश का आरोप लगाया था। आतिशी ने कहा था कि धार्मिक कमेटी की सिफारिश से एलजी ने दिल्ली के 7 धार्मिक स्थलों को तोड़ने के आदेश दिए हैं जिसका एलजी ने खंडन किया था।
उपराज्यपाल सचिवालय ने आम आदमी पार्टी (AAP) नेता अरविंद केजरीवाल, मुख्यमंत्री आतिशी और आप द्वारा की जा रही सांप्रदायिकता भड़काने वाली झूठी और गंदी राजनीति का भंडाफोड़ किया है। उपराज्यपाल सचिवालय ने आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार पर निशाना साधते हुए, उन दस्तावेजों को उजागर किया जिनमें पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने खुद 8 फरवरी 2023 को दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में 9 मंदिरों को ध्वस्त करने की सिफारिश की थी।
केजरीवाल और दिल्ली सरकार के तत्कालीन गृह विभाग के मंत्री मनीष सिसोदिया ने इन 9 मंदिरों को तोड़ने की धार्मिक कमेटी की सिफारिशों को मंजूरी दी थी। केजरीवाल ने जिन 9 मंदिरों को तोड़ने की मंजूरी दी उनमें से 7 मंदिर करावल नगर इलाके में स्थित थे, जबकि अन्य 2 मंदिर न्यू उस्मानपुर इलाके में स्थित थे।

सत्येंद्र जैन ने 8 मंदिरों को तोड़ने की दी थी मंजूरी
इससे पहले 23 जून 2016 को दिल्ली सरकार के तत्कालीन गृह विभाग के मंत्री सत्येन्द्र जैन ने भी दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में 8 मंदिरों को तोड़ने की मंजूरी दी थी। दस्तावेजों से यह भी पता चला है कि वर्ष 2016 से 2023 तक केजरीवाल और उनके मंत्रियों द्वारा कुल 24 धार्मिक ढांचों को तोड़ने की मंजूरी दी गई थी जिनमें 22 मंदिर और केवल 1 दरगाह शामिल थी। दिलचस्प बात यह है कि सत्येन्द्र जैन ने 17.7.2017 को 2 अज्ञात मजारों को तोड़ने के लिए दी गई धार्मिक कमेटी की सिफारिशों को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि इनसे धार्मिक भावनाएं और संवेदनाएं आहत हो सकती हैं। हालांकि धार्मिक कमेटी ने माना था कि इन ढाचों का कोई भी ऐतिहासिक महत्व नहीं था और यहां हर सप्ताह केवल 5-10 लोग ही आते थे।

फिल्मिस्तान सिनेमा से डीसीएम चौक तक ग्रेड सेपरेटर के निर्माण के लिए इन दो मजारों को हटाना महत्वपूर्ण था, जिसके लिए भूमि उत्तरी रेलवे द्वारा एमसीडी को हस्तांतरित कर दी गई थी। सचिवालय के अधिकारियों ने कहा कि प्रस्तुत तथ्यों को देखते हुए उपराज्यपाल सचिवालय के खिलाफ आरोप लगाने वालों को अपने बयान वापस लेने चाहिए, माफी मांगनी चाहिए और ओछी और गंदी राजनीति में शामिल होने से बचना चाहिए।

आतिशी ने LG और बीजेपी पर लगाया था आरोप
बता दें कि दिल्ली की सीएम आतिशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उपराज्यपाल और बीजेपी पर मंदिर तोड़ने की साजिश का आरोप लगाया था। आतिशी ने कहा था कि धार्मिक कमेटी की सिफारिश से एलजी ने दिल्ली के 7 धार्मिक स्थलों को तोड़ने के आदेश दिए हैं जिसका एलजी ने खंडन किया था। आतिशी ने कहा था धार्मिक कमेटी अब सीधे LG को रिपोर्ट करती है। अगर ये कमेटी पहले की तरह चुनी हुई सरकार के सीएम को रिपोर्ट करती तो दिल्ली सरकार कभी मंदिरों को तोड़ने नहीं देती। इसी के जवाब में आज एलजी ऑफिस ने डेटा जारी करके कहा है कि अरविंद केजरीवाल के आदेश से दिल्ली में 23 मंदिरों के तोड़ा गया था।

शिवराज बोले- केजरीवाल ने किसानों को धोखा दिया, आतिशी का जवाब- पीएम से कहिए पंजाब के किसान से बात करें

0

दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले केंद्रीय कृषि मंत्री ने सीएम आतिशी को पत्र लिखकर सरकार को घेरा है। वहीं, आतिशी ने भी शिवराज सिंह चौहान को जवाब दिया है।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह की चिट्ठी का दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने जवाब दिया है। आतिशी ने कहा कि बीजेपी का किसानों के बारे में बात करना वैसे ही है जैसे दाऊद अहिंसा पर प्रवचन दे रहा हो। जितना बुरा हाल किसानों का बीजेपी के समय हुआ, उतना कभी नहीं हुआ। पंजाब में किसान आमरण अनशन पर बैठे हैं, पीएम मोदी से कहिए उनसे बात करें। किसानों से राजनीति करना बंद करो। बीजेपी राज में किसानों पर गोलियां, लाठियां चलाई गयीं।
इससे पहले केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी को लिखी एक जनवरी 2025 को चिट्ठी लिखी थी। पत्र में शिवराज ने आरोप लगाया कि आपने दिल्ली में किसानों के हित में कभी उचित निर्णय नहीं लिए। केंद्र सरकार की किसान हितैषी योजना को दिल्ली में लागू होने से रोका गया।

शिवराज सिंह चौहान ने क्या लिखा पत्र में

केंद्रीय कृषि मंत्री ने पत्र में लिखा कि दिल्ली सरकार द्वारा केंद्र की अनेक किसान कल्याणकारी योजनाओं को लागू नहीं किये जाने से किसान भाई-बहन इन योजनाओं के लाभ से वंचित हो रहे हैं। मैने पूर्व में भी आपको पत्र लिखकर दिल्ली के किसानो की समस्याओं से अवगत कराया था लेकिन यह चिंता का विषय है कि आपकी सरकार ने इन समस्याओं का कोई निराकरण नहीं किया है।

केजरीवाल ने किसानों को धोखा दियाः शिवराज

विगत 10 वर्षों से दिल्ली में आप की सरकार है लेकिन सदैव यह प्रतीत हुआ है कि पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल ने किसान भाई बहनों के साथ सिर्फ धोखा किया है और चुनावों से पहले बड़ी बड़ी घोषणाएँ कर उनका राजनैतिक लाभ लिया है। केजरीवाल ने सरकार में आते ही हमेशा जनहितैषी निर्णयों को लेने के स्थान पर अपना रोना रोया है। आपकी सरकार के गैर जिम्मेदाराना रवैये के कारण केंद्र सरकार की एकीकृत बागवानी विकास मिशन को लागू नहीं किया गया है।

केंद्र की योजनाएं दिल्ली में नहीं लागू करने का आरोप

केंद्रीय मंत्री पत्र में यह भी लिखा कि आप के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार के द्वारा केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय कृषि विकास योजना को भी लागू नहीं किया गया है। इस योजना को लागू नहीं करने से किसान भाई बहनों का नुकसान हुआ है, क्योंकि इस योजना के माध्यम से राज्य अपनी विशिष्ट परियोजनाएं शुरू कर सकते हैं। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना को लागू नहीं होने के कारण कृषि मशीनीकरण, सूक्ष्म सिंचाई, मृदा स्वास्थ्य, फसल अवशेष प्रबंधन, परंपरागत कृषि विकास योजना, कृषि वानिकी और फसल डायवर्सिफिकेशन के लिए सब्सिडी जैसी योजनाओं का लाभ दिल्ली के किसान नहीं ले पा रहे हैं।

पत्र में यह भी लिखा है कि दिल्ली में न सिर्फ केंद्र सरकार की किसान कल्याणकारी योजनाओं को आपने लागू नहीं किया है बल्कि आपकी नीतियां भी कृषि एवं किसान विरोधी रही है। मुझे दिल्ली के किसानों ने बताया है कि दिल्ली में किसानों के ट्रैक्टर, हार्वेस्टर जैसे आवश्यक कृषि उपकरणों का पंजीकरण कमर्शियल व्हीकल श्रेणी में किया जा रहा है जिससे किसानों को अधिक दाम में अपने कृषि उपकरण खरीदने पड़ रहे हैं।

किसानों से ज्यादा बिजली बिल वसूलने का आरोप

आप फ्री बिजली की बात करती हैं लेकिन दिल्ली में आप की सरकार ने किसानों के लिए उच्च बिजली दरें निर्धारित कर रखी है। किसानों से वर्तमान में दिल्ली में बिजली के लिए वाणिज्यिक दरों पर शुल्क लिया जा रहा है। सिंचाई एवं अन्य कृषि कार्यों के लिए सस्ती बिजली जरूरी है लेकिन दिल्ली में किसानों से कृषि बिजली के लिए बड़ी राशी वसूली जा रही है। आपकी सरकार ने यमुना से लगे हुए गांवों में सिंचाई उपकरणों के बिजली कनेक्शन काट दिए है जिससे उन्हें सिंचाई कार्यों में बहुत मुश्किल हो रही है। किसानो की फसलें सूख रही है और उनकी आजीविका पर भी संकट खड़ा हो गया है।