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बाहुबली: द बिगिनिंग’ को हुए 10 साल तो मेकर्स ने ट्विस्ट के साथ दिया सरप्राइज, बता दी ‘बाहुबली: द एपिक’ की रिलीज डेट

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बाहुबली: द बिगिनिंग’ को बड़े पर्दे पर रिलीज हुए 10 साल पूरे हो गए हैं। इस खास मौके पर मेकर्स ने फैंस को बड़ा तोहफा दिया है। मेकर्स ने ‘बाहुबली: द एपिक’ का ऐलान कर दिया है। जानें ये कब रिलीज होगी।साल 2015 में भारतीय सिनेमा में एक बड़ा बदलाव आया जब ‘बाहुबली: द बिगिनिंग’ फिल्म आई। यह एक ऐसी जबरदस्त एक्शन फिल्म थी जिसने सिनेमा की सोच को ही बदल दिया और पूरे देश में एक नई पहचान बना ली। अब दस साल बाद ये फिल्म एक बार फिर बड़े पर्दे पर लौट रही है, लेकिन इस बार एक बड़ा ट्विस्ट है। दोनों भागों को मिलाकर इस बार इसे रिलीज किया जाएगा। बाहुबली फिर से सिनेमाघरों में रिलीज होगी और इस बार इसका अंदाज पहले से भी धांसू होगा। ये फिल्म 31 अक्टूबर 2025 को आ रही है ।

फिर बड़े पर्दे पर आएगी बाहुबली की कहानी
इस खास मौके को यादगार बनाने के लिए मेकर्स ने ‘बाहुबली: द एपिक’ के बड़े रिलीज का ऐलान किया है। इस बार फैंस को दोनों भागों को एक साथ देखने का मौका मिलेगा, वो भी वहीं जहां इसका असली मजा है यानी सिनेमा हॉल में। इस ऐलान को निर्देशक एस. एस. राजामौली ने सोशल मीडिया पर साझा किया है। उनके साथ-साथ फिल्म के बाकी मेकर्स ने भी अपने सोशल मीडिया हैंडल्स पर यह खबर पोस्ट की है। उन्होंने क्या कहा चलिए आपको बताते हैं।

क्या बोले राजामौली?
निर्देशक एस. एस. राजामौली ने पोस्ट में लिखा, ‘बाहुबली…कई सफर की शुरुआत, बेशुमार यादें और कभी न खत्म होने वाली प्रेरणा। 10 साल हो गए। इस खास मौके को मना रहे हैं बाहुबली द एपिक के साथ, दोनों भागों को मिलाकर एक फिल्म के रूप में। दुनियाभर के सिनेमाघरों में 31 अक्टूबर 2025 को रिलीज होगी।’ इस ऐलान के सोशल मीडिया पर आते ही फैंस उत्साहित हो गए हैं।

Geo-Thermal Energy Policy 2025 क्या है, इसकी क्यों जरूरत पड़ी, इससे क्या फायदा होगा

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सीएम पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में कल देहरादून में कैबिनेट की बैठक की गई। इस बैठक में कैबिनेट ने जियो थर्मल उर्जा नीति को मंजूरी दे दी है। बता दें कि इसके तहत जमीन की गर्मी से बिजली पैदा की जाएगी।उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में मंगलवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में मंत्रिमंडल की बैठक की गई। इस बैठक में कुल 6 अहम प्रस्तावों को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी। इस बैठक में सबसे अहम निर्णय जियो थर्मल उर्जा नीति को लेकर लिया गया, जिसके तहत थर्मल उर्जा नीति के प्रस्ताव को उत्तराखंड कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। बता दें कि यह नीति राज्य में वैकल्पिक उर्जा के स्त्रोत के विकास को बढ़ावा देगी, साथ ही उर्जा के क्षेत्र में उत्तराखंड की आत्मनिर्भरता भी बढ़ेगी। बता दें कि इस पॉलिस के तहत राज्य में निजी क्षेत्र की भागीदारी से जमीन की गर्मी से बिजली पैदा की जाएगी।उत्तराखंड में जियो थर्मल उर्जा प्रस्ताव को मिली मंजूरी
बता दें कि जियो थर्मल परियोजनाओं का आवंटन 30 साल के लिए किया जाएगा। राज्य में इसे लेकर पहले ही 40 ऐसे स्थानों को चिह्नित किया जा चुका है, जहां परियोजना के लिए प्लांट लगाया जाएगा। बता दें कि यह नीति राज्य की सभी भूतापीय परियोजनाओं पर लागू होगी। यूजेवीएनएल और उरेडा के सहयोग से इस नीति का क्रियान्वयन किया जाएगा। बुधवार को राज्य सचिवालय में सीएम धामी के नेतृत्व में मंत्रिमंडल की बैठक संपन्न हुई। उर्जा विभाग द्वारा बताया गया कि राज्य में आर्थिक एवं पर्यावरणीय व्यवहारिकता को देखते हुए जियो थर्मल संसाधनों की खोज एवं पहचान के लिए तकनीकी और वैज्ञानिक अनुसंधान को प्रोत्साहित किया जाएगा।

बुजुर्गों की पेंशन योजना में संशोधन को मिली मंजूरी
इसके अलावा इस बैठक में विभागीय कामकाज को बेहतर बनाने के लिए दो प्रमुख विभागों में पदों की संख्या को बढ़ाने का भी फैसला लिया गया है। बता दें कि सतर्कता विभाग में 20 नए पद सृजित कि जाएंगे। इस कारण इस विभाग में पदों की संख्या 136 से पढ़कर 156 हो जाएगा। इसके अलावा जीएसटी विभाग में भी पदों की संख्या बढ़ाई जाएगी, ताकि टैक्स के कलेक्शन की निगरानी प्रक्रिया को मजबूत किया जा सके। साथ ही खनन क्षेत्र में पारदर्शिता और विकास को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड राज्य में खनन न्यास के गठन को भी कैबिनेट की हरी झंडी मिल गई है। साथ ही धामी सरकार ने बुजुर्गों के लिए पेंशन योजना में भी अहम बदलाव किए हैं। दरअसल सरकार ने वृद्धावस्था पेंशन योजना में संशोधन को मंजूरी दे दी है।

इससे क्या फायदा होगा और क्यों इसकी जरूरत पड़ी?
दरअसल राज्य सरकार कार्बन उत्सर्जन को कम करके और दीर्घकालिक पर्यावरणीय एवं उर्जा लक्ष्यों में योगदान देकर भू-तापीय उर्जा के माध्यम से राज्य की उर्जा सुरक्षा को मजबूत करने की योजना बना रही है। साथ ही इसके जरिए राज्य में सरकार वैकल्पिक उर्जा के स्त्रोत को बढ़ावा देना चाहती है। इससे उर्जा के क्षेत्र में उत्तराखंड की आत्मनिर्भरता भी बढ़ेगी। बता दें कि इसके जरिए राज्य सरकार जियो थर्मल संसाधनो की खोज एवं उनके पहचान के लिए वैज्ञानिक और तकनीकी अनुसंधान को भी बढ़ावा देगी।

उफनते नाले में बह गई कार, तीनों सवारों ने यूं बचाई जान; VIDEO आप भी देखें

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सागर जिले से एक दिल दहलाने वाला वीडियो सामने आया है। एक कार अचानक उफनते नाले के पानी में बह गई, जिसमें तीन लोग सवार थे।मध्य प्रदेश: मानसूनी बारिश का कहर पूरे देश में जारी है और मध्य प्रदेश भी इससे अछूता नहीं है। प्रदेश के सागर जिले से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां बंडा थाना क्षेत्र के बरायठा में एक कार उफनते नाले के तेज बहाव में बह गई। इस कार में तीन लोग सवार थे, जिन्होंने सूझबूझ दिखाते हुए कार से कूदकर अपनी जान बचा ली।कार नियंत्रण खोकर बह गई
जानकारी के अनुसार, यह घटना खैरवाहा के रिपटा नाले पर हुई। कार में सवार तीनों युवक उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे और अपने घर मड़ावरा जा रहे थे। उन्होंने नाले के ऊपर से बह रहे पानी के तेज बहाव के बावजूद कार निकालने का प्रयास किया, लेकिन पानी का बहाव इतना तेज़ था कि कार नियंत्रण खोकर बह गई। गनीमत रही कि इस घटना में किसी भी तरह की जनहानि नहीं हुई है। तीनों युवकों ने समय रहते कार से बाहर निकलकर अपनी जान बचा ली।

नदियों का जलस्तर बढ़ा
वहीं, मध्य प्रदेश में आज भी भारी बारिश की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग के अनुसार, पूरे राज्य में मॉनसून सक्रिय रहेगा और दक्षिणी एवं मध्य भारत में भारी वर्षा हो सकती है। तापमान सामान्य से कम रहने की उम्मीद है, जिससे गर्मी से राहत मिलेगी। कई जिलों में भारी से अति भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है और कुछ स्थानों पर नदियों का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ की आशंका भी है। खास तौर से भोपाल में अधिकतम तापमान 28-30°C और न्यूनतम तापमान 22-24°C रहने की संभावना है, साथ ही हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है।

मध्य प्रदेश में भारी बारिश के कारण कई जिलों में जलभराव का खतरा भी बताया गया है, जिनमें नरसिंहपुर, विदिशा, छिंदवाड़ा, जबलपुर, रतलाम, इंदौर, धार, खरगोन, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ, अशोकनगर, ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना, रीवा, सतना, छतरपुर, गुना, शिवपुरी, सागर, हरदा और दमोह शामिल हैं।

सावन के महीने में हुआ है आपका जन्म? ये खूबियां बनाएंगी आपको सबसे अलग

सावन का महीना भोलेनाथ की कृपा प्राप्त करने के लिए बेहद खास माना जाता है। ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि जिन लोगों का जन्म इस माह में होता है उनमें क्या खूबियां देखने को मिलती है।सावन के महीने को धार्मिक दृष्टि से बेहद खास माना जाता है। इस माह में देवों के देव महादेव की पूजा की जाती है। शिव भक्त इस दौरान महादेव की भक्ति में लीन रहते हैं। ऐसे में इस माह में जन्म लेने वालों पर भी भोलेनाथ की कृपा बताई जाती है। हम भी आज आपको बताने वाले हैं कि सावन के माह में जिन लोगों का जन्म होता है उनमें क्या खूबियां देखने को मिलती हैं।
धर्म और आध्यात्म में रुचि- जिन लोगों का जन्म सावन के महीने में होता है वो धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियों में सक्रिय रहते हैं। इसलिए इनका घर परिवार का माहौल भी आपको सकारात्मक मिलता है।

रचनात्मक- सावन के महीने में जन्म लेने वाले लोग रचनात्मक गतिविधियों में भी हिस्सा लेते हैं। आप इन्हें संगीत, अभिनय आदि के क्षेत्र में देख सकते हैं। दुनिया को दिखाने के लिए नहीं बल्कि खुद को संतुष्ट और व्यस्त रखने के लिए भी ये लोग कला का सहारा ले सकते हैं।

किसी को नहीं देते धोखा- सावन के महीने में जन्म लेने वाले लोगों को ईमानदार माना जाता है। जिस किसी से भी ये नजदीक होते हैं उसे किसी भी हालात में धोखा नहीं देते। इसलिए सामाजिक स्तर पर इनकी पकड़ अच्छी हो सकती है। इनके की मित्र होते हैं।

भावुकता- इस महीने में जन्म लेने वाले लोग बेहद भावुक आपको नजर आ सकते हैं। ये अपने आसपास के लोगों को परेशान नहीं देख सकते, दूसरों की पीड़ा को ये अपनी पीड़ा समझ लेते हैं। इसलिए अपने करीबियों की मदद करने के लिए ये हमेशा तैयार रहते हैं।

करियर और शिक्षा- इन लोगों को शिक्षा और करियर के क्षेत्र में भी अच्छे परिणाम मिलते हैं। भोलेनाथ की कृपा से ये उच्च पदों तक पहुंचने में भी कामयाब रहते हैं। ज्यादातर इन लोगों को क्रिएटिव फील्ड में सफल होते देखा गया है।

पारिवारिक जीवन- घर परिवार में ये एक लीडर की तरह अपने घर को व्यस्थित रखते हैं। अगर ये घर के बड़े हों तो अपनी बातों से सबको प्रभावित करते हैं, अगर छोटे हों तो आदर-सत्कार से ये बड़ों का दिल जीतने वाले होते हैं। अपनी जिम्मेदारियों को इस माह में जन्म लेने वाले भलीभांति समझते हैं और उन्हें निभाते भी हैं।

कर्नाटक में राजनीतिक उथल-पुथल, डीके शिवकुमार ने प्रियंका गांधी से की मुलाकात, आज दिल्ली पहुंचेंगे सीएम सिद्धारमैया

कर्नाटक में इन दिनों राजनीतिक उथल-पुथल मचा हुआ है। दरअसल डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने आज दिल्ली में प्रियंका गांधी से मुलाकात की है। वहीं सीएम सिद्धारमैया आज दिल्ली पहुंचने वाले हैं।
कर्नाटक के मंत्रिमंडल में फेरबदल की अटकलों के बीच उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार इन दिनों दिल्ली में हैं। इसके अलावा मुख्यमंत्री सिद्धारमैया भी आज दोपहर दिल्ली पहुंचने वाले हैं। डीके शिवकुमार केंद्रीय वन मंत्री और जल शक्ति मंत्री के साथ बैठक के लिए पहुंच चुके हैं। वहीं सीएम सिद्धारमैया आज शाम रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात करेंगे। दरअसल इन दिनों दोनों नेताओं की दिल्ली में मौजूदगी से राज्य में राजनीतिक उथल-पुथल की अटकलों को बल मिला है। हालांकि डीके शिवकुमार ने इन अटकलों का खंडन किया है। कर्नाटक में बारी-बारी से मुख्यमंत्री बनने के बारे में सवाल पूछे जाने पर उपमुख्यमंत्री ने कहा, “यह अटकलें आपके मन में हैं, मेरी नजर और कानों में नहीं।”
क्या बोले डीके शिवकुमार
डीके शिवकुमार ने आगे कहा, “कर्नाटक में मंत्रिमंडल में फेरबदल की कोई योजना नहीं है।” पार्टी महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला द्वारा सभी विधायकों और वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात के बारे में पूछे जाने पर, डीके शिवकुमार ने कहा, “यह राज्य में पार्टी के संगठन को मजबूत करने की एक कवायद है, क्योंकि राज्य में 30-40 जिला कांग्रेस कमेटियों के अध्यक्ष नियुक्त किए जाने हैं।” उन्होंने दावा किया कि इस कवायद को कैबिनेट फेरबदल की समीक्षा के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए। बता दें कि उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार कल विपक्ष के नेता राहुल गांधी से मुलाकात करेंगे। सूत्रों के अनुसार, उन्होंने आज सुबह 10 जनपथ पर पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी से मुलाकात की है।

पांच साल तक सीएम बना रहूंगा: सिद्धारमैया
कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों के बीच बीते दिनों मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सस्पेंस खत्म करते हुए कहा था कि मैं पांच साल तक कर्नाटक का सीएम बना रहूंगा। इसमें किसी को संदेह नहीं होना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस पार्टी एकजुट है और यह सरकार पांच साल तक “चट्टान की तरह मजबूत” रहेगी। रिपोर्टर्स ने जब उनसे यह सवाल किया कि क्या वह पांच साल तक सीएम बने रहेंगे। इस पर सिद्धारमैया ने कहा कि हां मैं पांच साल तक सीएम रहूंगा। इसमें कोई शक नहीं। आपको संदेह क्यों है? उधर, डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने भी कहा कि पार्टी किसी तरह का असंतोष नहीं है।

नोएडा अथॉरिटी ने अपनी ई-बस सर्विस के लिए तीन नामों का दिया प्रपोजल, इन इलाकों में चलेंगी

ये इलेक्ट्रिक बसें 25 हाई डिमांड वाले रूट्स पर चलेंगी। इसमें शहर के भीतर और एयरपोर्ट संपर्क रूट शामिल हैं। दिन भर में 15-20 मिनट के अंतराल पर चलेंगी।नोएडा अथॉरिटी ने सरकार को 500 ई-बसों के फ्लीट के लिए तीन नामों के प्रपोजल दिए हैं। ये बसें नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे इलाकों में चलनी हैं। अथॉरिटी ने जिन नामों के प्रस्ताव दिए है, वह नाम हैं-एनजीवाई अर्बन मोबिलिटी सर्विस, जीबीएन ईजी राइड सर्विस और जीबीएन ग्रीन ट्रांसपोर्ट। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, हालांकि नाम सरकार की तरफ से पुनरिक्षित किया जाना है, लेकिन इसकी ब्रांडिंग शहरी यातायात में अपने बड़े विजन को परिलक्षित करेगा।ऑपरेटरों का हो चुका है चयन
इस इलेक्ट्रिक बस परियोजना को तब गति मिली जब दो निजी ऑपरेटरों का चयन हो गया। एक ऑपरेटर ट्रैवल टाइम मोबिलिटी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड 55 रुपये प्रति किमी की दर से नौ मीटर लंबी 250 बसें चलाएगा। जबकि, दूसरा ऑपरेटर डेलबस मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड 68 रुपये प्रति किमी की दर से 12 मीटर लंबी 250 बसें चलाएगा। खबर के मुताबिक, हर बस प्रतिदिन 300 किमी तक की दूरी तय करेगी।

हाई फ्रीक्वेंसी वाले रूट और एयरपोर्ट कनेक्टिविटी
ये इलेक्ट्रिक बसें 25 हाई डिमांड वाले रूट्स पर चलेंगी। इसमें शहर के भीतर और एयरपोर्ट संपर्क रूट शामिल हैं। दिन भर में 15-20 मिनट के अंतराल पर ये रूट अंतिम मील कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने, भीड़भाड़ को कम करने और आगामी नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे जैसे प्रमुख शहरी और ट्रांजिट केंद्रों की सेवा करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। परियोजना के प्रबंधन के लिए, एक विशेष प्रयोजन वाहन (एसपीवी) का गठन किया जाएगा, जिसमें नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरणों के अधिकारी शामिल होंगे। रजिस्टर्ड होने के बाद, एसपीवी 12 साल की अवधि में कर्मचारियों की नियुक्ति, संचालन और सेवाओं की शुरुआत का काम संभालेगा।

फाइनेंस और स्थिरता संबंधी बातें
ई-बस परियोजना की कुल लागत 675 करोड़ रुपये अनुमानित है। वैसे किराए और विज्ञापनों से होने वाली आय से कुल व्यय का केवल एक हिस्सा ही पूरा होने की उम्मीद है। अनुमानित वार्षिक राजस्व: 145 करोड़ रुपये और वार्षिक परिचालन लागत 370 करोड़ रुपये से अधिक होने की उम्मीद है। वित्तीय घाटे के बावजूद, इस परियोजना से पर्यावरण के अनुकूल, विश्वसनीय सार्वजनिक परिवहन उपलब्ध कराने और नोएडा के शहरी गतिशीलता परिदृश्य को मज़बूत करने की उम्मीद है।

विराट कोहली से इस बयान की उम्मीद थी क्या आपको, टेस्ट रिटायरमेंट के पीछे इशारों में बताया ये बड़ा कारण

विराट कोहली ने जब लगभग 2 महीने पहले टेस्ट क्रिकेट से अपने रिटायरमेंट का ऐलान किया था तो पूरा क्रिकेट जगत हैरान रह गया था। वहीं अब कोहली ने पहली बार अपने इस फैसले के पीछे का कारण बताया है।वर्ल्ड क्रिकेट के महान प्लेयर्स की लिस्ट में शुमार टीम इंडिया के स्टार खिलाड़ी विराट कोहली ने जब मई महीने की शुरुआत में टेस्ट क्रिकेट से अपने रिटायरमेंट का ऐलान किया तो पूरा वर्ल्ड क्रिकेट हैरान रह गया। सभी फैंस को उम्मीद थी कि टीम इंडिया के आगामी इंग्लैंड दौरे पर कोहली सफेद जर्सी में खेलते हुए दिखाई देंगे लेकिन उनका ये फैसला किसी झटके से कम नहीं था। कोहली ने अब पहली बार टेस्ट क्रिकेट से अपने रिटायरमेंट को लेकर बयान दिया है, जिसमें उन्होंने इसे इशारे से समझाया है।

मुझे अपनी दाढ़ी हर चार दिन में रंगनी पड़ती है
विराट कोहली इस समय लंदन में हैं और उन्होंने 8 जुलाई को युवराज सिंह द्वारा आयोजित चैरिटी कार्यक्रम में हिस्सा लिया था, जिसमें वहां पर मौजूद होस्ट गौरव कपूर ने उनसे टेस्ट क्रिकेट से रिटायरमेंट को लेकर सवाल पूछा। इसके जवाब में कोहली ने मुस्कुराते हुए कहा कि मैंने दो दिन पहले ही अपनी दाढ़ी को काला रंग दिया था। आप जानते हैं कि यह वो समय है जब आप हर चार दिन में अपनी दाढ़ी को रंग रहे हैं। कोहली ने इस बयान के जरिए साफ इशारा दिया कि उन्होंने अपनी उम्र को देखते हुए टेस्ट क्रिकेट से रिटायरमेंट लेने का फैसला लिया। कोहली की उम्र अभी सिर्फ 36 साल है और वह अब इंटरनेशनल क्रिकेट में अब वनडे में ही खेलते हुए दिखाई देंगे।

टीम इंडिया के प्लेयर्स से भी कोहली ने की मुलाकात
भारतीय टीम जो अभी शुभमन गिल की कप्तानी में इंग्लैंड के दौरे पर टेस्ट सीरीज खेल रही है, उसे 10 जुलाई से सीरीज का तीसरा मुकाबला लंदन के लॉर्ड्स ग्राउंड में खेलना है। टीम इंडिया के सभी प्लेयर्स इस चैरिटी कार्यक्रम में पहुंचे थे, जिनकी मुलाकात विराट कोहली से भी हुई थी। वहीं कोहली ने युवी के साथ अपनी दोस्ती पर बात की जिसमें उन्होंने बताया कि जब वह भारतीय टीम में नए थे तो युवराज सिंह के अलावा हरभजन सिंह और जहीर खान जैसे सीनियर खिलाड़ियों ने मेरी काफी मदद की थी। हमारा मैदान के अंदर और बाहर दोनों जगह बहुत अच्छा रिश्ता रहा है।

इंदौर में 48 घंटों के भीतर 3 महिलाओं की कोरोना से मौत, जानिए क्या बोला स्वास्थ्य विभाग?

इंदौर के स्थानीय स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि है जिले में अभी कुल कितने मरीज कोरोना से पीड़ित हैं? इन सभी कोरोना मरीजों का अस्पताल में इलाज चल रहा है।मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में कोरोना वायरस से संक्रमित पाई गईं तीन महिलाओं की रविवार और सोमवार के बीच 48 घंटों के भीतर मौत हो गई। उन्हें पहले से ही अन्य बीमारियां भी थीं। इसके बाद स्थानीय स्वास्थ्य विभाग पहले से और ज्यादा अलर्ट हो गया।

जानिए क्या थी मृतक महिलाओं की उम्र?
स्वास्थ्य विभाग के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉक्टर माधव प्रसाद हासानी ने कहा कि कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद 64 वर्षीय महिला और 55 वर्षीय महिला ने छह जुलाई (रविवार) को दम तोड़ा, जबकि 50 वर्षीय महिला की मौत सात जुलाई (सोमवार) को हुई।

तीनों महिलाओं को पहले से थी ये बीमारियां
उन्होंने कहा, ‘तीनों महिलाएं अलग-अलग बीमारियों से पहले ही जूझ रही थीं, जिससे उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता घट चुकी थी। इनमें रक्त कैंसर, टीबी, मधुमेह और थायरॉयड जैसी बीमारियां शामिल हैं।’

कोरोना से घबराने की नहीं है जरूरत
सीएमएचओ ने कहा कि कोविड-19 को लेकर घबराने की कोई जरूरत नहीं है। इस महामारी के इक्का-दुक्का मामले सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘फिलहाल जिले में कोरोना के केवल सात मरीज उपचाराधीन हैं। मंगलवार को हमें इस महामारी का एक भी मरीज नहीं मिला।’

जनवरी से अब तक कुल 187 करोना के मामले आए
हासानी ने कहा कि एक जनवरी से लेकर अब तक जिले के कुल 187 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं, जिनमें से चार मरीजों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है। उन्होंने कहा, ‘जिले में इस साल कोविड-19 के किसी मरीज की पहली मौत 21 अप्रैल को हुई थी, जब 74 वर्षीय महिला ने एक अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था। यह महिला किडनी के एक गंभीर रोग की पुरानी मरीज थी।

ब्राजील के बाद अपनी यात्रा के अंतिम चरण में नामीबिया पहुंचे पीएम मोदी, बजाया ड्रम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी यात्रा के अंतिम चरण में अब नामीबिया पहुंच गए हैं। वह बुधवार को नामीबिया की धरती पर उतरे, जहां उनका जोरदार स्वागत किया गया।विंडहूक: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने बहुप्रतीक्षित नामीबिया दौरे पर पहुंच चुके हैं। यह यात्रा भारत और नामीबिया के बीच रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई देने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम मानी जा रही है। यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की तीन दशकों में पहली आधिकारिक नामीबिया यात्रा है। नामीबिया में पीएम मोदी का पारंपरिक तरीके से शानदार स्वागत किया गया। इस दौरान नामीबिया के स्थानीय कलाकारों के साथ प्रधानमंत्री मोदी ने भी ड्रम बजाया।इन मुद्दों पर होगी द्विपक्षीय वार्ता
प्रधानमंत्री मोदी और नामीबियाई राष्ट्रपति नेटुम्बो नांडी-एनडैटवाह के बीच वन-टू-वन संवाद और दोनों देशों के मंत्रियों की टीम स्तरीय चर्चा होगी। इन वार्ताओं में व्यापार, रक्षा, डिजिटल सहयोग और वैश्विक दक्षिण में साझेदारी जैसे मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श शामिल हैं।

सूर्य नमस्कार से हुआ पीएम मोदी का स्वागत
संयुक्त समझौतों पर हस्ताक्षर

भारत और नामीबिया के बीच व्यापार, निवेश, शिक्षा, स्वास्थ्य, ICT और पर्यावरण जैसे क्षेत्रों में कुल छह महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों (MoUs) पर हस्ताक्षर किए जा सकते हैं। इनमें यूपीआई समेत खनिज और ऊर्जा क्षेत्रों में सहयोग पर भी समझौते होंगे। भारत और नामीबिया डायमंड के प्रत्यक्ष आयात की दिशा में बातचीत कर रहे हैं, जिससे मध्यस्थों की भूमिका कम होगी। साथ ही यूरेनियम, कोबाल्ट और लैंथेनाइड्स जैसे महत्त्वपूर्ण खनिजों पर दीर्घकालिक समझौतों की संभावना जताई गई है।

पीएम मोदी ने नामीबिया पहुंचकर किया ट्वीट
नामीबिया पहुंचने के बाद पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा, “कुछ समय पहले विंडहूक में पहुंचा। नामीबिया एक मूल्यवान और विश्वसनीय अफ्रीकी साझेदार है, जिसके साथ हम द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करना चाहते हैं। आज राष्ट्रपति डॉ. नेटुम्बो नांडी-एनडैटवाह से मिलने और नामीबियाई संसद को संबोधित करने के लिए उत्सुक हूं।”

नामीबिया की संसद को करेंगे संबोधित
प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी इस यात्रा के दौरान नामीबियाई संसद को संबोधित करेंगे। यह पहली बार है जब कोई भारतीय प्रधानमंत्री दक्षिण अफ्रीका क्षेत्र के बाहर किसी अफ्रीकी देश की संसद में भाषण देगा। इसके अलावा वह नामीबिया के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. सैम नुजौमा को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।

डिजिटल भुगतान प्रणाली यूपीआई डील
पीएम मोदी के इस दौरे की खास बात यह है कि अब नामीबिया में भी यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) प्रणाली शुरू की जा रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने NPCI और नामीबिया के केंद्रीय बैंक के बीच इसे लेकर एक समझौता करेंगे।

शेयर बाजार में उछाल, सेंसेक्स 270 और निफ्टी 61 अंकों की बढ़त के साथ बंद, ये स्टॉक्स चमके

आज एनएसई का निफ्टी 50 इंडेक्स भी 61.20 अंकों (0.24%) की तेजी के साथ 25,522.50 अंकों पर बंद हुआ।मंगलवार को भारतीय शेयर बाजार ने बढ़त के साथ हरे निशान में कारोबार बंद किया। हफ्ते के दूसरे दिन, बीएसई का सेंसेक्स 270.01 अंकों (0.32%) की बढ़त के साथ 83,712.51 अंकों पर बंद हुआ। इसी तरह, आज एनएसई का निफ्टी 50 इंडेक्स भी 61.20 अंकों (0.24%) की तेजी के साथ 25,522.50 अंकों पर बंद हुआ। बताते चलें कि बाजार ने आज लाल निशान में फ्लैट शुरुआत की थी। जबकि, सोमवार को बाजार हरे निशान में बिल्कुल फ्लैट बंद हुआ था।टाटा ग्रुप के शेयर में भयावह गिरावट
आज सेंसेक्स की 30 में से 18 कंपनियों के शेयर बढ़त के साथ हरे निशान में बंद हुए और बाकी की सभी 12 कंपनियों के शेयर गिरावट के साथ लाल निशान में बंद हुए। इसी तरह, निफ्टी 50 की 50 में से 27 कंपनियों के शेयर बढ़त के साथ हरे निशान में बंद हुए और बाकी की सभी 23 कंपनियों के शेयर नुकसान के साथ लाल निशान में बंद हुए। आज सेंसेक्स की कंपनियों में शामिल कोटक महिंद्रा बैंक के शेयर सबसे ज्यादा 3.40 प्रतिशत की बढ़त के साथ बंद हुए जबकि टाइटन के शेयर आज सबसे ज्यादा 6.17 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुए।

एटरनल, एशियन पेंट्स समेत इन शेयरों में आया उछाल
सेंसेक्स की अन्य कंपनियों में आज एटरनल के शेयर 1.89 प्रतिशत, एशियन पेंट्स 1.69 प्रतिशत, एनटीपीसी 1.64 प्रतिशत, बीईएल 1.20 प्रतिशत, अडाणी पोर्ट्स 0.94 प्रतिशत, एसबीआई 0.72 प्रतिशत, एचडीएफसी बैंक 0.72 प्रतिशत, इंफोसिस 0.69 प्रतिशत, एलएंडटी 0.68 प्रतिशत, टेक महिंद्रा 0.64 प्रतिशत, टाटा मोटर्स 0.64 प्रतिशत, पावरग्रिड 0.63 प्रतिशत, अल्ट्राटेक सीमेंट 0.55 प्रतिशत, बजाज फिनसर्व 0.54 प्रतिशत, आईसीआईसीआई बैंक 0.42 प्रतिशत, बजाज फाइनेंस 0.31 प्रतिशत और आईटीसी के शेयर 0.22 प्रतिशत की बढ़त के साथ बंद हुए।

लाल निशान में बंद हुए सेंसेक्स के सभी शेयर
वहीं दूसरी ओर ट्रेंट के शेयर में 1.12 प्रतिशत, एक्सिस बैंक 0.85 प्रतिशत, मारुति सुजुकी 0.81 प्रतिशत, हिंदुस्तान यूनिलीवर 0.72 प्रतिशत, सनफार्मा 0.41 प्रतिशत, टाटा स्टील 0.28 प्रतिशत, रिलायंस इंडस्ट्रीज 0.16 प्रतिशत, टीसीएस 0.16 प्रतिशत, भारती एयरटेल 0.11 प्रतिशत, एचसीएल टेक 0.11 प्रतिशत और महिंद्रा एंड महिंद्रा के शेयर में 0.10 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।