भोपाल में हुई डिजिटल अरेस्ट की घटना के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव मंगलवार को साइबर सेल पहुंचे। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने डिजिटल अरेस्ट का शिकार हुए दुबई के कारोबारी ओबरॉय से भी फोन पर बातचीत की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से चर्चा की और कहा कि प्रदेश में हर थाने में साइबर डेस्क होगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में साइबर जागरुकता अभियान चलाया जाएगा।
सीएम ने कहा कि मध्य प्रदेश में साइबर अपराध को रोकने के लिए पुलिस बहुत तेज से काम कर रही है। बीते दिनों ठगो ने दुबई के कारोबारी को 6 घंटे के लिए डिजिटल अरेस्ट किया गया था। साइबर फ्रॉड की कोशिश की गई। हमारी पुलिस तत्कालीन मौके पर जाकर पूछताछ की। वह हमारी असली पुलिस से आइडेंटिटी मांग रहे..हिम्मत तो देखो। बाद में वह वीडियो कॉलिंग छोड़ भाग निकले।
प्रदेश के सभी थानों में होगी साइबर डेस्क
सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने भी मन की बात में डिजिटल अरेस्ट को लेकर बात की थी। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने प्रदेश की जनता से कहा कि डिजिटल अरेस्ट को लेकर सावधान रहें। डिजिटल अरेस्ट जैसा कोई प्रावधान नहीं है। तत्काल पुलिस को सूचना करें पुलिस आपकी मदद करेगी। मध्य प्रदेश में पहली यह घटना है जब डिजिटल अरेस्ट जैसे मामलों में लाइव रेस्क्यू किया गया हो। उन्होंने बताया कि 2019 में केवल 4000 घटनाएं आई थी लेकिन 2024 तक बढ़ाते बढ़ाते 5 लाख हो गई। इसलिए हने जागरूकता रखने की जरूरत है।
सीएम ने कहा कि हमने पुलिस को हाईटेक बनाने की निर्णय लिया है। साइबर थाना बनाने का निर्णय लिया है और साइबर हेल्पलाइन नंबर 1980 इसको सदृढ़ करने का प्लान बनाया है और हम साइबर जागरूकता का अभियान भी चलाएंगे जिसके माध्यम से इस प्रकार की घटनाओं को रोका जा सके। मुझे गर्व है मध्य प्रदेश पुलिस ने बड़ा काम किया है।
सीएम ने की पुलिस की तारीफ
सीएम मोहन यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश में साइबर अपराध को रोकने के लिए हमारी पुलिस बहुत दक्षता से काम कर रही है और परसों 11 तारीख के दिन जो घटना घटी है वह अद्भुत घटना है। अरेरा कॉलोनी निवासी विवेक ओबेरॉय जो दुबई में कॉर्पोरेट अधिकारी है अपने घर पहुंचे थे और लगभग 6 घंटे तक उन्हें डिजिटल अरेस्ट कर लिया गया था। चारों तरफ से कैमरे और सीबीआई अफसर बनकर नाटक किया गया।