केंद्रीय मंत्री खट्टर ने बताया- केजरीवाल को कैसा सरकारी बंगला मिलेगा?

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केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मंगलवार को कहा कि आम आदमी पार्टी (AAP) प्रमुख अरविंद केजरीवाल को जल्द ही सरकारी आवास आवंटित किया जाएगा क्योंकि एक राष्ट्रीय पार्टी के प्रमुख होने के नाते वे इसके हकदार हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक सवाल के जवाब में खट्टर ने कहा कि एक राष्ट्रीय पार्टी के अध्यक्ष होने के नाते केजरीवाल टाइप-7 बंगले के हकदार हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि फिलहाल कोई भी टाइप-7 बंगला खाली नहीं है। खट्टर ने कहा, ‘‘फिलहाल हमारे पास केवल टाइप-5 और टाइप-6 बंगले उपलब्ध हैं, लेकिन टाइप-7 बंगला उपलब्ध नहीं है। उपलब्ध होते ही केजरीवाल को टाइप-7 बंगला आवंटित कर दिया जाएगा।’
अभी कहां रह रहे केजरीवाल?
AAP केजरीवाल के लिए केंद्रीय आवास की मांग कर रही है। उसका कहना है कि एक राष्ट्रीय पार्टी के संयोजक होने के नाते केजरीवाल इसके हकदार हैं। पार्टी ने हाल ही में केंद्रीय आवास मंत्रालय को एक पत्र भेजकर इस मांग को दोहराया है। सितंबर में दिल्ली के मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देने वाले केजरीवाल अक्टूबर में आप के राज्यसभा सांसद अशोक मित्तल के 5 फिरोजशाह रोड स्थित आधिकारिक आवास में चले गए थे।

पहली बार केजरीवाल के ‘शीशमहल’ का VIDEO आया सामने
वहीं, आपको बता दें कि केजरीवाल के जिस ‘शीशमहल’ की पूरे देश में चर्चा है अब उसके अंदर का वीडियो सामने आया है। दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने वीडियो जारी करते हुए इसे सेवन स्टार बंगला बताया है। ये वही बंगला है जहां पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल रहते थे। वीरेंद्र सचदेवा ने अपने सोशल मीडिया हैंडल X पर वीडियो पोस्ट कर लिखा है, ”खुद को आम आदमी कहने वाले अरविंद केजरीवाल की अय्याशी के शीशमहल की सच्चाई हम बताते आए हैं, आज आपको दिखायेंगे भी! जनता के पैसे खाकर अपने लिए 7-Star Resort का निर्माण करवाया है। बच्चों की कसम खाकर सरकारी घर, गाड़ी, सुरक्षा ना लेने का झूठा वादा करने वाले कैसे दिल्ली के टैक्स पेयर्स की कमाई लूट रहे हैं।”

कुर्सी मिली तो केजरीवाल भी दूसरों जैसे ही बन गए
बीजेपी केजरीवाल की ईमानदारी पर सवाल खड़े करने लगी है। बीजेपी का कहना है कि केजरीवाल वही हैं जो कभी कहते थे कि उन्‍हें 4-5 से ज्‍यादा कमरों वाले मकान की जरूरत नहीं है। वीआईपी कल्‍चर को लेकर वह हमलावर रहते थे। लेकिन, ऑपरेशन शीशमहल ने दिखाया है कि जब उन्‍हें कुर्सी मिली तो वह भी दूसरों जैसे ही बन गए। अलबत्‍ता, कई मामलों में तो उन्‍होंने दूसरों को भी पीछे छोड़ दिया।

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